रूस की ओर से क्रेमलिन के प्रवक्ता दिमित्री पेसकोव ने संवाददाताओं से कहा कि हम कुछ नहीं जानते। उन्होंने कहा कि यूक्रेन हर चीज के लिए रूस को जिम्मेदार ठहरा रहा है। रूस का किसी भी साइबर हमले से कोई लेना-देना नहीं है।
इस हमले ने जिन बेवसाइटों को निशाना बनाया गया, उनमें यूक्रेन के सबसे बड़े वित्तीय संस्थानों में से Oschadbank स्टेट सेविंग बैंक और और Privat बैंक शामिल थे। हालांकि ये हमले बड़े स्तर के नहीं थे। इस वजह से ज्यादा परेशानी नहीं आई। एक न्यूज एजेंसी की रिपोर्ट के मुताबिक, कम से कम 10 यूक्रेनी वेबसाइटों पर हमला किया गया था, जिस वजह से वेबसाइटें पहुंच से बाहर हो गईं। आमतौर पर ऐसे साइबर हमलों में बड़ी संख्या में जंक डेटा पैकेट्स भेजे जाने से वेबसाइटें पहुंच से बाहर हो जाती हैं।
दोनों बैंकों की वेबसाइटें अब पहले की तरह काम कर रही हैं, लेकिन हमले की शुरुआती रिपोर्ट सामने आने के कुछ घंटे बाद तक मिलिट्री साइट्स काम नहीं कर रही थीं। बहरहाल, इस मामले में यूक्रेन के कम्युनिकेशंस वॉचडॉग ने रूस पर उंगली उठाई है। उसने कहा कि हमलावर गंदी चाल का सहारा ले रहा है।
पिछले महीने भी यूक्रेन पर साइबर हमला हुआ था। मंगलवार को ताजा अटैक के बाद यूक्रेन अलर्ट हो गया है, क्योंकि इस बार निशाने पर आई हैं रूसी सेना और रक्षा मंत्रालय की वेबसाइटें। पिछले महीने हुए साइबर अटैक के बाद नाटो देशों ने यूक्रेन के साथ साइबर वेलफेयर कोऑपरेशन डील करके हमलावरों को जवाब दिया था। यूरोपियन यूनियन ने भी कहा था कि वह यूक्रेन की मदद के लिए अपने संसाधन जुटा रहा है। यूक्रेन के मुताबिक, जनवरी में हुए साइबर हमले में उसे बहुत ज्यादा नुकसान नहीं हुआ था। इस बार भी सबकुछ समय रहते संभाल लिया गया।
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