यूक्रेन की स्टेट सर्विस ऑफ स्पेशल कम्युनिकेशंस एंड इनफॉर्मेशन प्रोटेक्शन ने ट्विटर पर एक पोस्ट में बताया कि रशियन हैकर्स लगातार यूक्रेन के इनफॉर्मेशन के जरियों पर हमले कर रहे हैं। इन हैकर्स ने प्रेसिडेंट, पार्लियामेंट, कैबिनेट, डिफेंस मिनिस्ट्री और इंटरनल मिनिस्ट्री सहित कई महत्वपूर्ण वेबसाइट्स को निशाना बनाया है। इसके लिए डिस्ट्रीब्यूटेड डिनायल ऑफ सर्विस (DDoS) हमलों का इस्तेमाल किया गया है। इनमें वेबसाइट को ऑफलाइन करने के लिए उसके ट्रैफिक को अन्य सर्वर्स पर भेजा जाता है। यूक्रेन की सायबर निगरानी एजेंसी ने कहा कि अभी तक वेबसाइट्स ने इन हमलों का मजबूती से सामना किया है।
रूस की फॉरेन मिनिस्ट्री से इस बारे में टिप्पणी के लिए संपर्क नहीं हो सका। इससे पहले रूस सायबर हमलों में शामिल होने से इनकार करता रहा है। रूस पर अमेरिका में चुनावों को भी सायबर हमलों के जरिए प्रभावित करने का आरोप लगा था। रूस की वेबसाइट्स को भी DDoS हमलों से नुकसान हुआ है। यूक्रेन ने अपने हैकर्स से महत्वपूर्ण इंफ्रास्ट्रक्चर की सुरक्षा में मदद करने और रूस की सेना के खिलाफ सायबर जासूसी अभियान चलाने में मदद करने को कहा है। रूस के नेशनल कोऑर्डिनेटिंग सेंटर फॉर कंप्यूटर इंसिडेंट्स ने पिछले सप्ताह कहा था कि रूस के इनफॉर्मेशन सोर्सेज पर बड़े सायबर हमले किए गए हैं।
सायबर हमलों में यूक्रेन के सबसे बड़े वित्तीय संस्थानों में से Oschadbank स्टेट सेविंग बैंक और और Privat बैंक को भी निशाना बनाया गया था। हालांकि, ये हमले बड़े स्तर के नहीं थे। इस वजह से ज्यादा परेशानी नहीं आई। दोनों बैंकों की वेबसाइट अब पहले की तरह काम कर रही हैं। यूक्रेन को सायबर खतरों से निपटने में मदद के लिए यूरोपियन यूनियन (EU) के छह देशों ने सायबर सिक्योरिटी एक्सपर्ट्स की टीम भी भेजी है। यूक्रेन की ओर से किए गए निवेदन के जवाब में लिथुआनिया, नीदरलैंड्स, पोलैंड, एस्टोनिया, रोमानिया और क्रोएशिया ने यह टीम भेजी है।
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
लेटेस्ट टेक न्यूज़, स्मार्टफोन रिव्यू और लोकप्रिय मोबाइल पर मिलने वाले एक्सक्लूसिव ऑफर के लिए गैजेट्स 360 एंड्रॉयड ऐप डाउनलोड करें और हमें गूगल समाचार पर फॉलो करें।