I’ve a point to prove, I can be in top 5: HS Prannoy
Highlights
- प्रणय विश्व रैंकिंग में फिसल कर 26वें पायदान पर आ गये हैं
- वह विश्व रैंकिंग में फिसल कर 26वें पायदान पर आ गये हैं
भारतीय पुरुष बैडमिंटन खिलाड़ी एचएस प्रणय का मानना है कि उनके पास दुनिया के शीर्ष पांच खिलाड़ी में जगह बनाने की काबिलियत है और इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए वह अपने खेल में नये आयाम जोड़ना चाहते हैं। विश्व रैंकिंग के पूर्व नंबर आठ खिलाड़ी प्रणय को 2018 विश्व चैंपियनशिप के दौरान ‘गैस्ट्रोओसोफेगल रिफ्लक्स (पेट से संबंधित बीमारी)’ का पता चला था जिसके बाद उनके प्रदर्शन में थोड़ी गिरावट आयी। इस बीमारी से कुछ हद तक उबरने के बाद नवंबर 2020 में वह कोरोना वायरस से संक्रमित हो गये।
वह तब से ही इस बीमारी के प्रभावों से जूझ रहे है, जिसका असर उनके खेल पर भी पड़ा है। वह विश्व रैंकिंग में फिसल कर 26वें पायदान पर आ गये हैं प्रणय ने यहां इंडिया ओपन में शुरुआती दौर के अपने मैच को जीतने के बाद बुधवार को कहा, “ऐसा समय था जब मैं शारीरिक रूप से ठीक नहीं था और बेहतर प्रदर्शन नहीं होने का यही मुख्य कारण भी था।”
उन्होंने कहा, “निश्चित रूप से मुझे अभी यह साबित करना है कि मेरा खेल खत्म नहीं हुआ है और मैं ऐसा खिलाड़ी हूं जो दुनिया के शीर्ष पांच में हो सकता है। मुझे अपनी अंतरात्मा पर भरोसा है और उम्मीद है कि अगले कुछ महीनों में हमारे पास कुछ अच्छा होगा।”
वह पिछले महीने विश्व चैंपियनशिप में क्वार्टर फाइनल में जगह बनाने में सफल रहे। उन्होंने कहा, “थोड़ी निराशा हुई लेकिन फिर भी मैं विश्व चैम्पियनशिप के अपने प्रदर्शन से बेहद खुश हूं। मैं वहां से बहुत सारी सकारात्मक चीजों के साथ आकर सकारात्मक मानसिकता के साथ अभ्यास कर सकता था। मैं प्रशिक्षण के समय का इंतजार कर रहा हूं जहां कई नयी चीजें हैं जो मैं अपने खेल में जोड़ना चाहता हूं।”
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इंडिया ओपन के साथ बैडमिंटन के एक और व्यस्त साल की शुरुआत हुई है, जिसमें नियमित बीडब्ल्यूएफ विश्व टूर कार्यक्रमों के अलावा राष्ट्रमंडल खेलों और एशियाई खेलों जैसी बड़ी प्रतियोगिताएं शामिल है। उन्होंने कहा, “यह बहुत सारे टूर्नामेंटों वाला साल है, जिसमें कुछ बड़े टूर्नामेंट हैं। जो भी भारतीय टीम का हिस्सा है उसके लिए कड़ी प्रतिस्पर्धा है।पिछले कुछ समय में काफी अच्छा प्रदर्शन हुआ है और एशियाई खेलों और राष्ट्रमंडल खेलों के लिए क्वालीफाई करना निश्चित रूप से कठिन होगा।”