Wednesday, April 6, 2022
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मेमोरी पर बुरा असर डालती है अधूरी नींद, इम्यूनिटी भी होती है प्रभावित – स्टडी


Half-incomplete sleep has a bad effect on memory : अधिकांश लोग अधिक काम करने, पैसा कमाने और सफलता हासिल करने के लिए नींद के साथ समझौता करते हैं. लेकिन, नींद का बेहिसाब त्याग सेहत पर भारी पड़ सकता है. हिंदुस्तान अखबार में छपी खबर के अनुसार, ऑस्ट्रेलिया में हुई एक स्टडी में यह बात सामने आई है. कम घंटों की नींद याददाश्त को प्रभावित करने के साथ-साथ मेटाबॉलिज्म और रोग-प्रतिरोधक क्षमता (Immunity) को भी प्रभावित करती है. यूनिवर्सिटी ऑफ साउथ ऑस्ट्रेलिया (University of South Australia) की प्रोफेसर सियोभान बैंक्स (Professor Siobhan Banks) का कहना है कि पिछले पंद्रह सालों से अधिक के अध्ययनों में यह बात सामने आई है कि लंबी अवधि तक नींद की कमी के कारण मोटापा (Obesity), टाइप टू डायबिटीज (Type -2 Diabetes) और यहां तक कि कैंसर (Cancer) जैसी बीमारियों का रिस्क बढ़ता है. रोजाना आठ घंटे से कम की नींद सेहत के लिए बिल्कुल भी अच्छी नहीं है. भोजन को सही तरीके से पचाने की क्षमता, संक्रमण से लड़ने की क्षमता और कई शारीरिक प्रक्रियाएं इससे प्रभावित होती हैं. जो लोग लंबे समय तक, कई वर्षों तक कम नींद लेते हैं, उनमें मोटापे, टाइप 2 डायबिटीज और कुछ किस्म के कैंसर होने का जोखिम बढ़ जाता है.

कम नींद लेने से याददाश्त में कमी (memory loss), प्रतिक्रिया देने में देरी और थकान जैसे अल्पकालिक नुकसानों (short term losses) की सबसे अधिक आशंका होती हैं. अधिकांश लोग एक रात की भी खराब नींद के बाद इन सभी दिक्कतों का अनुभव करते हैं.

टुकड़ों में पूरी कर सकते हैं नींद
प्रोफेसर बैंक्स (Professor Siobhan Banks) का कहना है कि अगर शेड्यूल के कारण एक ब्लॉक में 8 घंटे की नींद लेना संभव नहीं है तो छोटी-छोटी अवधि में इसे पूरा कर सकते हैं. उनका कहना है कि इस बात के सबूत हैं कि आपको अपनी सारी नींद एक बड़े हिस्से में लेने की जरूरत नहीं है. लोग मुख्य नींद लगातार 4-5 घंटे की ले सकते हैं और फिर वे दोपहर में एक या दो घंटे की झपकी के साथ अपनी बाकी नींद पूरी कर सकते हैं.

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नींद के तीन चरण
हमारे ब्रेन को हर रात कम से कम एक लंबी नींद के चक्र की जरूरत होती है, ताकि सब कुछ ठीक-ठाक रहे. ऐसा इसलिए है, क्योंकि हमारी रात की नींद में एक बुनियादी ‘एनाटॉमी’ होती है, जिसमें दो मुख्य घटक होते हैं- रैपिड आई मूवमेंट या आरईएम स्लीप, और दूसरा गैर-आरईएम स्लीप. गैर-आरईएम नींद तीन चरणों में होती है.

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पहला चरण तब होता है जब आप नींद का अनुभव कर रहे होते हैं. यह चरण कुछ मिनट तक चलता है. दूसरा चरण एक हल्की नींद है, जिसमें आपके शरीर का तापमान गिर जाता है और आंखों की गति रुक जाती है. यह चरण 10-25 मिनट तक चलता है, लेकिन आप जितनी देर सोते हैं, उतना लंबा हो जाता है. तीसरा चरण धीमी-तरंग नींद है, जो ज्यादातर रात के पहले भाग में होती है.

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