क्या
है
सीलियक
बीमारी?
सीलिएक
रोग,
जिसे
ग्लूटेन
सेंसिटिव
एंटरोपैथी
या
सीलिएक
स्प्रू
भी
कहा
जाता
है,
भारत
में
संख्या
से
अधिक
आम
है,
हालांकि,
क्योंकि
कई
भारतीय
इसके
लिए
परीक्षण
नहीं
करवाते
हैं।
सीलियक
एक
ऐसी
बीमारी
है,
जिसमें
आपको
आमतौर
पर
गेहूं,
जौ,
राई
और
वर्तनी
(स्पेलट)
में
पाए
जाने
वाले
प्रोटीन
से
एलर्जी
होती
है।
इस
बीमारी
की
वजह
से
बॉडी
को
खाना,
विटामिंस
और
मिनरल्स
एब्जोर्ब
करने
में
दिक्कत
होती
है।
इस
समस्या
से
निपटने
के
लिए
शरीर
अपने
अंदर
फैट
जमा
करने
लगता
है।
ग्लूटेन
एलर्जी
वाले
लोगों
के
लिए
अपने
वजन
को
मेंटेन
करना
काफी
मुश्किल
होता
है।
इस
बीमारी
में
ग्लूटेन,
शरीर
में
एक
इम्यून
रिस्पांस
का
कारण
बनता
है,
जिसके
परिणामस्वरूप
छोटी
आंत
में
सूजन
और
डैमेज
होने
की
स्थिति
बन
सकती
हैं।
इसके
लक्षणों
को
जानें
डायरिया
ब्लोटिंग
थकान
वजन
बढ़ना
या
घटना
स्किन
रिएक्शन
एनीमिया
कब्ज
डिप्रेशन
और
ऐंगजाइटी
मांसपेशियों
की
कमजोरी
भूख
न
लगना
इसके
पीछे
है
कई
कारण
जबकि
सीलिएक
रोग
का
सटीक
कारण
ज्ञात
नहीं
है,
सबसे
आम
ट्रिगर्स
में
से
एक
रोग
के
लिए
एक
आनुवंशिक
प्रवृत्ति
है,
अर्थात,
यदि
आपके
माता-पिता
को
यह
है,
तो
आपको
इसके
होने
की
संभावना
है।
सीलिएक
रोग
के
लिए
पर्यावरणीय
कारण
भी
जिम्मेदार
हो
सकते
हैं।
जिस
व्यक्ति
को
पाचन
तंत्र
में
संक्रमण
हो
चुका
है,
उनमें
इस
रोग
के
होने
की
संभावना
काफी
ज्यादा
होती
है।
तीन
महीने
से
पहले
शिशु
को
ग्लूटेन
युक्त
खाद्य
पदार्थ
खिलाना
भी
सीलिएक
रोग
का
कारण
बन
सकता
है।
इसके
अलावा
अगर
आप
किसी
स्वास्थ्य
संबंधी
समस्या
जैसे-
टाइप
1
डायबिटीज,
थायराइड,
अल्सरेटिव
कोलाइटिस,
न्यूरोलॉजिकल
डिसऑर्डर,
डाउन
सिंड्रोम
और
टर्नर
सिंड्रोम
से
जूझ
रहे
हैं,
तो
आपको
सीलिएक
रोग
होने
का
जोखिम
काफी
अधिक
रहता
है।
इलाज
सीलिएक
रोग
का
एकमात्र
इलाज
परहेज
है।
ग्लूटेन
युक्त
खाद्य
पदार्थों
से
परहेज
आपके
स्वास्थ्य
के
लिए
सबसे
महत्वपूर्ण
होगा,
लेकिन
ऐसा
करना
आसान
है।
अधिकांश
भारतीय
व्यंजनों
में
किसी
न
किसी
रूप
में
ग्लूटेन
होता
है।
आपको
डॉक्टर
से
परामर्श
करके
ही
डाइट
लेनी
होगी।
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