दुर्गा अष्टमी व्रत शक्ति की उपासना का पर्व है यह समय माँ
दुर्गा का पूजन होता है. मासिक दुर्गा अष्टमी का पर्व प्रत्येक माह के शुक्ल पक्ष की अष्टमी के समय पर मनाया जाता है. इस दिन भक्त देवी दुर्गा की पूजा करते हैं और उनका दिव्य आशीर्वाद पाने के लिए व्रत भी धारण करते हैं. देवी दुर्गा भक्तों के समस्त कष्टों को हरने वाली देवी हैं और शत्रुओं का नाश करके कष्टों से मुक्ति प्रदान करती हैं. दुर्गा अष्टमी के दिन को महिषासुर नामक राक्षस पर देवी दुर्गा की विजय के रूप में मनाया जाता है ऐसा माना जाता है कि जो भी व्यक्ति दुर्गा अष्टमी का व्रत पूरे समर्पण के साथ करता है, उसे जीवन में सुख और सौभाग्य की प्राप्ति होती है. स्त्रियां अपने जीवन में दांपत्य सुख एवं समृद्धि हेतु मां दुर्गा को इस दिन सिंदूर अर्पित करती हैं तथा व्रत का पालन करती हैं. इस दिन भक्त विभिन्न देवी मंत्रों का जाप करते हैं। इस दिन दुर्गा चालीसा का पाठ करना भी फलदायी माना जाता है। पूजा के अंत में भक्तों ने दुर्गा अष्टमी व्रत कथा का पाठ भी किया. पूजा के पश्चात ब्राह्मणों को भोजन और दक्षिणा प्रदान की जाती है.
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