Highlights
- एमसीसी ने अपनी संहिता में नौ बदलाव किये जिसमें से एक यही है जो इस साल अक्टूबर से प्रभावी हो जायेगा
- अश्विन ने कहा कि गेंदबाजों के छोर के बल्लेबाजों को अपील नहीं करने का फैसला करियर को खराब करने वाला हो सकता है
भारत के स्टार ऑफ स्पिनर रविचंद्रन अश्विन ने एमसीसी के नॉन-स्ट्राइकर छोर पर रन आउट नियम के संबंध में संशोधन के फैसले का स्वागत किया और कहा कि गेंदबाजों को अब उन बल्लेबाजों को आउट करने में कोई संशय नहीं होना चाहिए जो गेंद डालने से पहले ही क्रीज से बाहर निकल आते हैं। क्रिकेट के नियमों के संरक्षक मेरिलबोन क्रिकेट क्लब (एमसीसी) ने इस महीने के शुरू में विवादास्पद रनआउट नियम को नियम 41 ‘अनुचित खेल’ से हटाकर नियम 38 में शामिल किया जो वैध तरीके से रनआउट से संबंधित है।
एमसीसी ने अपनी संहिता में नौ बदलाव किये जिसमें से एक यही है जो इस साल अक्टूबर से प्रभावी हो जायेगा। अश्विन ने कहा कि गेंदबाजों के छोर के बल्लेबाजों को रनआउट करने की अपील नहीं करने का फैसला करियर को खराब करने वाला हो सकता है।
यह भी पढ़ें- IPL 2022 : दिल्ली कैपिटल्स में रिकी पोंटिंग की कोचिंग में खेलने के लिए उत्साहित है वेस्टइंडीज का यह धाकड़ खिलाड़ी
इंडियन प्रीमियर लीग 2019 के एक मैच में इंग्लैंड के जोस बटलर को इसी तरह से आउट करके इस नियम की वैधता पर बहस को हवा देने वाले अश्विन ने एक यूट्यूब वीडियो में कहा, ‘‘मेरे साथी गेंदबाजों, कृपया समझें। नॉन स्ट्राइकर छोर पर एक अतिरिक्त कदम आपके पूरे करियर को खत्म कर सकता है। ’’
उन्होंने कहा, ‘‘क्योंकि अगर नॉन स्ट्राइकर छोर पर खड़ा बल्लेबाज स्ट्राइक पर आ जाये तो वह एक छक्का जड़ सकता है और ऐसा उसके एक अतिरिक्त कदम की वजह से हुआ। वहीं स्ट्राइकर बल्लेबाज शायद आउट हो जाता। अगर आप एक विकेट लेते हो तो आप अपने करियर में आगे बढ़ोगे, जबकि अगर आपकी गेंद पर छक्का लगा तो आपका करियर नीचे की ओर आ सकता है। तो इसका असर काफी बड़ा हो सकता है। ’’
यह भी पढ़ें- ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ लिमिटेड ओवरों की सीरीज के लिए पाकिस्तान ने किया टीम का ऐलान, ये दो खिलाड़ी हुए बाहर
अश्विन ने कहा, ‘‘इसलिये मेरी राय है कि गेंदबाजों के दिमाग में नॉन स्ट्राइकर छोर पर रनआउट करने के बारे में कोई संशय नहीं होना चाहिए। यह एक महत्वपूर्ण नियम है। ’’