आदित्य ठाकरे ने ट्वीट कर बताया, “क्लीन मोबिलिटी और नागरिकों को प्रोत्साहित करने की हमारी प्रतिबद्धता को बरकरार रखते हुए महाराष्ट्र सरकार ने इस वर्ष की शुरुआत से केवल इलेक्ट्रिक व्हीकल्स खरीदने या किराए पर लेने का फैसला किया है।” इससे पहले उन्होंने पॉल्यूशन पर नियंत्रण के लिए इलेक्ट्रिक व्हीकल्स पर जोर दिया था और पॉल्यूशन नहीं फैलाने वाले व्हीकल्स के इस्तेमाल को प्रोत्साहन देने के लिए राज्य की इलेक्ट्रिक व्हीकल पॉलिसी की घोषणा की थी।
इस पॉलिसी में मुंबई, पुणे, नागपुर, औरंगाबाद और नासिक में पब्लिक ट्रांसपोर्टेशन में इलेक्ट्रिक व्हीकल्स की हिस्सेदारी 25 प्रतिशत करने और महाराष्ट्र स्टेट रोड ट्रांसपोर्ट कॉरपोरेशन (MSRTC) की कुल बसों में से 15 प्रतिशत को 2025 तक इलेक्ट्रिक में कन्वर्ट करना शामिल है।
इससे पहले राजधानी दिल्ली में भी इलेक्ट्रिक व्हीकल्स को प्रोत्साहन देने के लिए उपायों की घोषणा की जा चुकी है। दिल्ली सरकार ने 10 साल से पुराने डीजल इंजन वाले व्हीकल्स को इलेक्ट्रिक व्हीकल में बदलने की अनुमति दी है। इससे इन डीजल इंजन वाले व्हीकल्स पर बैन के फैसले से बचा जा सकेगा। नेशनल ग्रीन ट्राइब्यूनल की ओर से 2015 और सुप्रीम कोर्ट के 2018 में जारी ऑर्डर्स के तहत दिल्ली-एनसीआर में 10 साल से पुराने डीजल और 15 साल से पुराने पेट्रोल इंजन वाले व्हीकल्स को चलाया नहीं जा सकता है। दिल्ली-एनसीआर में पॉल्यूशन बड़ी समस्या बना हुआ है और सरकार इसे लेकर काफी गंभीर है। हाल ही में दिल्ली में 10 साल से पुराने डीजल और 15 साल से पुराने पेट्रोल इंजन वाले व्हीकल्स को बैन करने का फैसला लिया गया था। इसके चलते लाखों व्हीकल्स बैन के दायरे में आ गए थे। हालांकि, पुरानी डीजल कारों में इलेक्ट्रिक किट तभी लगाने की अनुमति तभी मिलगी जब टेस्टिंग एजेंसी डीजल कार के इंजन को फिट घोषित करेगी। अप्रूवल मिलने के बाद ही इंजन को इलेक्ट्रिक सिस्टम के साथ बदला जा सकेगा।
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