प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राज्यसभा में धन्यवाद प्रस्ताव पर अपना जवाब दिया। इस दौरान पीएम मोदी ने एक बार फिर विपक्ष खास तौर पर कांग्रेस को आड़े हाथों लिया। पीएम मोदी ने कहा कि, कांग्रेस ना होती तो लोकतंत्र परिवारवाद से मुक्त होता।
नई दिल्ली
Published: February 08, 2022 01:23:56 pm
PM Narendra Modi Addresses In Rajya Sabha On Motion of Thanks
केंद्र सरकार ने गुजरात में मुझ पर कई जुल्म किए
पीएम मोदी ने अपने संबोधन में अतीत की कई राजनीतिक घटनाएं गिनाईं। उन्होंने कहा कि जब राज्य प्रगित करते हैं तब देश की तरक्की होती है। उन्होंने कहा कि जब मैं गुजरात में मुख्यमंत्री था, मुझ पर दिल्ली की सरकार ने कई जुल्म किए। इतिहास गवाह है, क्या कुछ नहीं हुआ मेरे साथ।
गुजरात के साथ क्या नहीं हुआ, लेकिन उस कालखंड में भी ‘मैं एक ही बात कहता था कि देश के विकास के लिए गुजरात का विकास। दिल्ली में किसकी सरकार है ये सोचकर नहीं चलते थे।’
संसद में बोले PM मोदी- कांग्रेस टुकड़े-टुकड़े गैंग की लीडर बन गई है, कोरोना महामारी पर भी इन्होंने राजनीति की
Had Congress ceased to be, as per the wish of Mahatma Gandhi, democracy would’ve been free from dynasty. India would’ve walked on the path of national resolutions, instead of taking to foreign view. Had Congress not been there, then there would have been no blot of Emergency: PM pic.twitter.com/9EKBf9k2nG
— ANI (@ANI) February 8, 2022
कांग्रेस ना होती तो क्या होता
पीएम मोदी ने संसद में कहा कि अगर महात्मा गांधी की इच्छा के मुताबिक कांग्रेस ना होती तो क्या होता।
– लोकतंत्र परिवारवाद से मुक्त होता,
– भारत विदेशी चस्पे के बजाय स्वदेशी संकल्पों के रास्ते पर चलता।
– देश पर इमरजेंसी का कलंक नहीं होता।
– दशकों तक करप्शन को संस्थागत न बनाकर रखा गया होता।
– जातिवाद और क्षेत्रवाद की खाई इतनी गहरी नहीं होती।
– सिखों का नरसंहार न होता
– सालों-साल पंजाब आतंक की आग में न जलता
– कश्मीर के पंडितों को कश्मीर छोड़ने की नौबत न आती
– बेटियों को तंदूर में जलाने की घटनाएं न होती
– देश के सामान्य आदमी को मूल सुविधाओं के लिए इतने साल इंतजार न करना होता
पहले की तुलना में डबल हो गई नियुक्तियां
पीएम मोदी ने ने कहा कि वर्ष 2021 में EPFO पर 1.20 करोड़ नए जॉब्स जुडे और इनमें भी 60 से 65 लाख लोग 18-25 साल के हैं। पहले की तुलना में हायरिंग डबल हो गई है।
2021 में यानी सिर्फ एक साल में जितने यूनिकॉन बने हैं वो अब तक के बने कुल यूनिकॉन्स से भी ज्यादा है। अगर ये रोजगार की गिनती में नहीं आता है तो रोजगार से ज्यादा राजनीति की चर्चा मानी जाती है।
UPA काल में चरम पर महंगाई
पीएम मोदी ने कहा कि, यूपीए के काल में महंगाई चरम पर थी। ऐसे कड़े माहौल में भी हमने महंगाई को एक हद तक रोकने का बहुत प्रयास किया है।
उन्होंने कहा कि साल 2014 से 2020 तक ये दर 4 से 5 फीसदी के करीब थी। इसकी तुलना यूपीए के दौर से करें तो पता चलेगा कि महंगाई क्या होती है। उस दौर में महंगाई डबल डिजिट को छू रही थी।
पीएम मोदी के संबोधन की बड़ी बातें
– इस महामारी के दौरान हमारे देश के युवाओं ने अपनी पहचान बना कर देश को गौरवान्वित किया है। युवाओं ने खेल के क्षेत्र में अपनी पहचान बनाई और देश का नाम रोशन किया।
– कोरोना काल में जिन खास क्षेत्रों में फोकस किया गया वह हैं MSME और कृषि। किसानों को ज्यादा एमएसपी दी गई।
– कोरोना एक वैश्विक महामारी है। 130 करोड़ के भारत के लिए कोरोना जब शुरू हुआ तो बहुत चिंता का विषय था कि भारत का क्या होगा, लेकिन अब पूरे विश्व में हमारे देश की तारीफ हो रही है।
– इस कोरोना काल में 80 करोड़ से भी अधिक देशवासियों को मुफ्त राशन देकर दुनिया के सामने उदाहरण प्रस्तुत किया है। गरीबों के लिए रिकॉर्ड घर बनाए जाएं, ये घर पानी के कनेक्शन से लैस हों।
– पीएम मोदी ने पूर्व प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू और कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा, ‘गोवा के साथ कांग्रेस ने भेदभाव किया।
– जवाहरलाल नेहरू ने वहां फौज भेजने से मना कर दिया था। सत्याग्रहियों की मदद उन्होंने नहीं की। गोवा आजादी के 15 साल बाद आजाद हुआ। नेहरू जी ने कहा था, ‘कोई धोखे में ना रहे कि हम वहां फौजी कार्रवाई करेंगे। कोई फौज गोवा के आसपास नहीं है।’
– पीएम मोदी ने कहा, सिर्फ सुनाना ही नहीं, सुनना भी लोकतंत्र का हिस्सा है
– कुछ दल के बड़े नेताओं ने पिछले दो साल में जो अपरिपक्वता दिखाई है, उससे देश को बहुत निराशा हुई है। हमने देखा कि कैसे राजनीतिक स्वार्थ में खेल खेले गए, भारतीय वैक्सीन के खिलाफ मुहिम चलाई गई।
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