Wednesday, January 19, 2022
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मंगल ग्रह पर मिले पास्‍ट लाइफ के संकेत, नासा ने इन सबूतों के आधार पर कही ये बात


नई दिल्‍ली: मंगल ग्रह पर 9 सालों से घूम रहे क्‍यूरियोसिटी ने जब वहां के कुछ नमूनों को जमा किया और नासा के साइंटिस्‍टों ने नमूनों को एनॉलिसिस किया तो वह हैरान रह गए. उन नमूनों से स्‍पष्‍ट हो रहा था कि मंगल ग्रह पर पास्‍ट में लाइफ रही थी. 

मंगल ग्रह से लिए गए नमूनों का हुआ एनॉलिसिस 

Metro की खबर के अनुसार, नासा के मंगल मिशन पर गए मार्स रोवर के माध्‍यम से मंगल की चट्टानों का एनॉलिसिस किया जा रहा है. मंगल ग्रह पर नमूने जमा करने के लिए 9 सालों से क्‍यूरियोसिटी उस जमीन पर घूम रहा है और जमीन में ड्र‍िलिंग कर नमूनों को जमा कर रहा है. 

मंगल ग्रह पास्‍ट लाइफ में हो सकते थे कीड़े

इन्‍हीं नमूनों से सामने आया है कि उन चट्टानों में कार्बनिक यौगिक के मिलने की पुष्‍ट‍ि हुई है. यह कार्बनिक यौगिक मंगल ग्रह पर घूमने वाले कीड़ों से आया हो सकता है. 

पृथ्‍वी के नमूनों से ये निष्‍कर्ष इस तरह खाता है मेल 

ये निष्‍कर्ष मंगल ग्रह के आधा दर्जन स्‍थानों की मिट्टी के विश्‍लेषण से आया है. इस विश्‍लेषण में एक कार्बन चक्र की पहचान हुई है. ये कुछ ऐसा ही जैविक आधार है जैसा ऑस्‍ट्रेलिया में मिले एक जीवाश्‍म के अध्‍ययन में निकला था. ये जीवाश्‍म 2.7 अरब साल पुराना है.

अमेरिका में पेन स्टेट यूनिवर्सिटी के अध्ययन के प्रमुख लेखक प्रोफेसर क्रिस्टोफर हाउस ने कहा, “कार्बन 13 के ये कम नमूने ऑस्ट्रेलिया से 2.7 अरब साल पुराने तलछट से लिए गए नमूने की तरह हैं.”

इस वजह से मानी जा रही है मंगल ग्रह पर पास्‍ट लाइफ 

पृथ्‍वी पर वे नमूने जैविक गतिविधि के कारण थे जब प्राचीन माइक्रोबियल मैट द्वारा मीथेन का सेवन किया गया था. लेकिन हम अनिवार्य रूप से यह नहीं कह सकते हैं कि मंगल ग्रह पर ऐसा इसी वजह से हुआ होगा. वह एक ऐसा ग्रह है जो पृथ्वी की तुलना में अलग तरह की सामग्रियों और प्रक्रियाओं से बना हो सकता है. मीथेन सबसे सरल कार्बनिक अणु है जो मंगल के वायुमंडल में मौजूद है.





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