वैदिक ज्योतिष में मंगल की युति और शुक्र का विशेष महत्व है। मंगल को कार्रवाई करने की क्षमता, क्रोध व्यक्त करने, प्रेरणा और गतिशीलता का कारक माना जाता है। मंगल हमारे काम करने की क्षमता और प्रदर्शन करने की क्षमता को व्यक्त करता है।
वैदिक ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, हमें अपने जीवन के सभी क्षेत्रों में सफल होने के लिए एक मजबूत मंगल की आवश्यकता है, इसलिए इसका जन्म कुंडली में उच्च स्थान पर होना महत्वपूर्ण होता है।
वहीं दूसरी ओर शुक्र प्रेम, संबंध और विवाह का प्रतिनिधित्व करता है। यह सुंदरता, कला का भी प्रतिनिधित्व करता है। शुक्र के आशीर्वाद के बिना हम सुखद जीवन का आनंद नहीं ले सकते हैं।