सूत्रों ने कहा कि अधिकारियों ने फाइनेंशियल डॉक्युमेंट्स और कंपनी के रिकॉर्ड की जांच की है। इनमें कंपनी के भारत और विदेश में बिजनेस से जुड़ी ट्रांजैक्शंस शामिल हैं। हालांकि, Huawei ने कहा कि देश में उसका बिजनेस कानून का पूरी तरह तरह पालन करता है। कंपनी ने एक बयान में बताया, “हमें इनकम टैक्स की टीम के आने के आने के बारे में सूचना दी गई है। भारत में हमारा बिजनेस सभी कानूनों और रेगुलेशंस का पालन करता है। हम अधिक जानकारी के लिए संबंधित सरकारी डिपार्टमेंट्स से संपर्क करेंगे और नियमों के तहत पूरा सहयोग किया जाएगा।”
केंद्र सरकार ने Huawei को 5G सर्विसेज के ट्रायल से बाहर रखा है। हालांकि, टेलीकॉम कंपनियों को उनके नेटवर्क को मेंटेन करने के लिए पुराने एग्रीमेंट्स के तहत Huawei और ZTE से टेलीकॉम इक्विपमेंट्स खरीदने की अनुमति है। टेलीकॉम कंपनियों को टेलीकम्युनिकेशंस सेक्टर पर नेशनल सिक्योरिटी डायरेक्टिव के तहत इन चाइनीज इक्विपमेंट कंपनियों के साथ कोई नया बिजनेस एग्रीमेंट करने के लिए सरकार से स्वीकृति लेनी होगी। टैक्स डिपार्टमेंट ने पिछले वर्ष Xiaomi और Oppo जैसी चाइनीज हैंडसेट कंपनियों और उनसे जुड़े लोगों के खिलाफ छापे मारे थे। डिपार्टमेंट ने इनमें देश के टैक्स कानून और रेगुलेशंस का उल्लंघन कर 6,500 करोड़ रुपये से अधिक की अवैध इनकम का पता लगने का दावा किया था।
इस सप्ताह की शुरुआत में इनफॉर्मेशन एंड टेक्नोलॉजी मिनिस्ट्री ने चीन से जुड़े 54 ऐप्स पर प्रतिबंध लगाया था। मिनिस्ट्री ने बताया कि सुरक्षा और प्राइवेसी को लेकर आशंकाओं के कारण इन ऐप्स पर रोक लगाई गई है। चीन के साथ लगभग दो वर्ष पहले बॉर्डर पर तनाव के बाद केंद्र सरकार ने कई चाइनीज ऐप्स पर प्रतिबंध लगाया है। इससे इन ऐप्स से जुड़ी कंपनियों को नुकसान हुआ था। इनमें टिकटॉक और पबजी जैसे ऐप्स भी शामिल थे। एनफोर्समेंट डायरेक्टरेट (ED) ने भी मोबाइल ऐप्स के जरिए तुरंत लोन देने वाली चाइनीज कंपनियों के खिलाफ छापे मारे हैं और उनके एसेट्स जब्त किए हैं।
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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