कंपनियों का कहना है कि यह घोषणा डिजिटल इंडिया के लिए अहम मोड़ है। टेलिकॉम कंपनियां, बैंक, फैक्ट्री, स्कूल समेत एंटरप्राइज देश में हाई परफॉर्मेंस सैटकॉम सर्विस के आने का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं।
HCIPL के प्रेसिडेंट और मैनेजिंग डायरेक्टर पार्थो बनर्जी ने कहा कि वनवेब की क्षमता का इस्तेमाल करते हुए हम हाई-स्पीड, लो-लेटेंसी सर्विस लाने के लिए तत्पर हैं।
वनवेब का हालिया लॉन्च 27 दिसंबर 2021 को हुआ था। यह अबतक 394 सैटेलाइट्स अंतरिक्ष में पहुंचा चुकी है। वनवेब कुल 648 सैटेलाइट ऑर्बिट में भेजने पर काम कर रही है। इस तरह वह टारगेट के 60 फीसदी सैटेलाइट लॉन्च कर चुकी है।
कंपनी साल 2022 के आखिर तक दुनियाभर में अपनी सर्विस शुरू करने की तैयारी कर रही है। गौरतलब है कि दुनियाभर में लो-लेटेंसी और हाई-स्पीड कनेक्टिविटी की मांग जारी है।
वनवेब के CEO नील मास्टर्सन ने कहा कि कंपनी ह्यूजेस के साथ पार्टनरशिप करके खुश है। वनवेब, लद्दाख से कन्याकुमारी और गुजरात से पूर्वोत्तर तक भारत की लंबाई और चौड़ाई को कवर करेगी। यह एंटरप्राइज, सरकारों, टेलीकॉम, एयरलाइन कंपनियों के लिए सुरक्षित समाधान लाएगी। उन्होंने बताया कि कंपनी भारत में गेटवे और POP (पॉइंट ऑफ प्रेजेंस) जैसे सक्षम बुनियादी ढांचे के निर्माण में भी निवेश करेगी।
दूसरी ओर, ह्यूजेस अपनी पैरंट कंपनी इकोस्टार (EchoStar) के जरिए वनवेब का शेयरहोल्डर है। यह वनवेब की इकोसिस्टम पार्टनर भी है, जो गुजरात और तमिलनाडु में गेटवे इलेक्ट्रॉनिक्स डेवलप कर रही है।
ध्यान रहे कि वनवेब (OneWeb) ब्रिटेन की टेक कंपनी है। दिवालिया होने से उबरने के बाद वनवेब ने अपने लॉन्च फिर से शुरू किए हैं। कंपनी ने जापान के सॉफ्टबैंक और यूटेलसैट कम्युनिकेशंस से भी इन्वेस्टमेंट हासिल की है। भारती एंटरप्राइजेस भी कंपनी को मदद कर रही है। इस तरह वनवेब ने कुल 2.4 अरब डॉलर हासिल किए हैं।
‘सैटेलाइट इंटरनेट’ को लोगों तक पहुंचाने के लिए कई देशों की कंपनियां काम कर रही हैं। एलन मस्क की कंपनी स्पेसएक्स SpaceX की स्टारलिंक Starlink भी इस दिशा में आगे बढ़ रही है।