क्रिप्टोकरेंसीज को खरीदने के लिए Coinbase के कस्टमर्स को यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (UPI) के जरिए पेमेंट करने की सुविधा मिलेगी। ट्रांजैक्शन वॉल्यूम के लिहाज से UPI देश में सबसे बड़ा रिटेल पेमेंट प्लेटफॉर्म है। हालांकि, Coinbase ने UPI पेमेंट्स के लिए अपने बैंकिंग पार्टनर्स की जानकारी नहीं दी है। Coinbase के को-फाउंडर और CEO Brian Armstrong ने कहा कि भारत में उनकी फर्म लंबी अवधि का इनवेस्टमेंट कर रही है। Coinbase ऐप का इस्तेमाल करने वाले नए यूजर्स को उनकी पहली परचेज को पूरा करने पर 201 रुपये का रिवॉर्ड पेआउट दिया जाएगा। Brian ने एक ब्लॉग पोस्ट में बताया था कि उनकी फर्म ने क्रिप्टो और Web 3 सेगमेंट से जुड़ी भारतीय टेक्नोलॉजी कंपनियों में लगभग 15 करोड़ डॉलर का इनवेस्टमेंट किया है।
उनका कहना था, “हमारा मानना है कि भारत के वर्ल्ड क्लास सॉफ्टवेयर टैलेंट के कारण क्रिप्टो और Web 3 टेक्नोलॉजी से देश की इकोनॉमिक और फाइनेंशियल इनक्लूजन के लक्ष्यों को जल्द पूरा करने में मदद मिल सकती है।” Coinbase की योजना इस वर्ष के अंत तक भारत में अपने एंप्लॉयीज की संख्या चार गुना करने की भी है। इसके एंप्लॉयीज की मौजूदा संख्या लगभग 300 की है।
एक अनुमान के अनुसार, भारतीय उपमहाद्वीप में क्रिप्टोकरेंसीज रखने वाले लोगों की संख्या 10 करोड़ से अधिक की है। केंद्र सरकार डिजिटल एसेट्स सेगमेंट को लेकर एक सतर्क रवैया रखती है। हालांकि, इसकी क्रिप्टो इंडस्ट्री पर पाबंदी या बैन लगाने की योजना नहीं है। देश में इस महीने की शुरुआत से क्रिप्टोकरेंसीज की ट्रेडिंग से मिलने वाले प्रॉफिट पर टैक्स देना होगा। इस वर्ष के बजट में क्रिप्टो से जुड़े कानून का प्रस्ताव दिया गया था और यह संसद में पारित हुआ था। इससे वर्चुअल डिजिटल एसेट्स देश में टैक्स के दायरे में आ जाएंगे। क्रिप्टो से जुड़ी फर्मों को आशंका है कि देश में इस सेगमेंट पर टैक्स लागू होने से इनवेस्टर्स इससे बाहर निकल सकते हैं।
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