2019 में स्थापित Hopcharge ने TOI को बताया कि स्टार्टअप चार्जिंग सुविधाओं की अनुपलब्धता, घर पर धीमी चार्जिंग और इलेक्ट्रिक वाहनों को चार्ज करने में लगने वाले समय जैसी चुनौतियों का समाधान कर रहा है। कंपनी का कहना है कि हॉपचार्ज की मेड-इन-इंडिया, पेटेंटेड रैपिड चार्जिंग तकनीक के चलते मॉड्यूलर और मोबाइल चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर को सक्षम बनाया गया है, जो लोकल ग्रिड के साथ, महंगे ग्रिड अपग्रेड की जरूरत को खत्म करता है, और ईवी मालिकों को समय बचाने में भी मदद करता है।
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रिपोर्ट आगे बताती है कि Hopcharge यूज़र को कम से कम 3 से 4 रुपये प्रति किलोमीटर का भुगतान करना होगा, जो लगभग 20 रुपये प्रति kWh चार्जिंग होता है। हालांकि, रिपोर्ट यह भी कहती है कि यह सर्विस ईवी मालिक को घर पर या चार्जिंग स्टेशन पर अपनी कार को चार्ज करने की तुलना में महंगा पड़ेगा, लेकिन इस बात से भी मुह नहीं मोड़ा जा सकता है कि यह ऑन-डिमांड सर्विस है, जो आपको आपके हिसाब से मोबाइल सर्विस प्रदान करेगी। होपचार्ज का यह भी दावा है कि उनकी पेटेंट टेक्नोलॉजी बैटरी लाइफ का भी ध्यान रखती है, जिससे उसकी लाइफ लंबी होगी।
सर्विस के बारे में बताया गया है कि इच्छुक यूज़र्स एक ऐप के जरिए डोरस्टेप ईवी चार्जिंग सर्विस का लाभ उठा सकते हैं। यह ऐप Android और iOS दोनों प्लेटफॉर्म पर उपलब्ध है। ऐप एंड-टू-एंड प्रोसेस के लिए एक खास टेक्नोलॉजी-पावर्ड बैक-एंड एनर्जी मैनेजमेंट सिस्टम को सपोर्ट करता है और ग्लोबल लेवल पर बेचे जाने वाले सभी ईवी को सपोर्ट करता है। कंपनी HopechargeX या Hopcharge Xpresso जैसे विभिन्न hoc और सब्सक्रिप्शन मॉडल के साथ काम करती है, जिसके जरिए यूज़र ऑन-डिमांड चार्जिंग के लिए बुकिंग कर सकते हैं। ये सब्सक्रिप्शन मॉडल ग्राहकों की विभिन्न चार्जिंग जरूरतों को ध्यान में रखते हुए डिज़ाइन किए गए हैं।
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रिपोर्ट कहती है कि कंपनी एक चार्जिंग सिस्टम शुरू करने पर भी काम कर रही है, जिसमें विशेष रूप से इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए डिज़ाइन की गई हाई पावर चार्जिंग क्षमताओं वाले कनेक्टेड और पोर्टेबल पावर बैंक शामिल हैं।