Thursday, November 25, 2021
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भारत में नियमन के बाद कैसा होगा क्रिप्टो करेन्सी का सफ़र, जानिए ज्योतिष के अनुसार


Crypto Currency
– फोटो : google

क्रिप्टो करेन्सी यानी कि एक तरह की डिजिटल करेन्सी जिसका लेखा-जोखा डिजिटल रूप से क्रिप्टो बेचने वाली संस्था के पास होता है। यह करेन्सी भौतिक रूप में नहीं होती है। कई देशों ने इस पर लगाम लगा रखी है तो अधिकतर देशों ने इसे बैन किया है। भारत में भी इस पर संसद के शीत सत्र में चर्चा होने की सम्भावना है। ज्योतिषीय गणना के अनुसार, पश्चिमी देशों में इस करेन्सी के तेजी से बढ़ने के आसार कम हैं। वहाँ डॉलर का आधिपत्य बरकरार रहेगा। परन्तु, यूरोपीय देशों में यह तेज़ी से प्रगति कर सकता है, ख़ासकर अल-सल्वाडोर के आस-पास।

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विश्वभर के विभिन्न देशों जैसे- तुर्की, अल्जीरिया, इराक, इरान, मिस्र, कोलंबिया और बोलिविया में सभी प्रकार की क्रिप्टोकरेंसी या तो बैन है, या फिर बहुत से देशों में इनके नियमन की व्यवस्था है। अल-सल्वाडोर के अतिरिक्त, कई देशों ने तो क्रिप्टो करेंसी को पूर्ण रूप से वैधायिक मान्यता भी दी है। अल-सल्वाडोर की राशि मेष होने के कारण यहाँ पर यह करेन्सी चलना स्वाभाविक है। परन्तु, कई देशों में इसका विपरीत प्रभाव भी दिखेगा। भारत में क्रिप्टोकरेंसी रेग्युलेशन किए जाने की सम्भावना है। वित्तीय मामलों की संसदीय समिति ने क्रिप्टोकरेंसी के लिए हुई चर्चा में पाबंदी लगाने के बजाय नियमन का प्रस्ताव रखा।

भारत में भौतिक रूप से धन का अत्यधिक महत्व है। द्रव्य के रूप में धन की विशेष व्याख्या है। बिटक्वाइन और क्रिप्टो की राशि रुपए से कम ही मेल खाती है। परन्तु, सरकार संसद के शीतकालीन सत्र में “दि क्रिप्टो करेन्सी एण्ड रेगुलेशन ऑफ ऑफिशियल डिजिटल करेन्सी बिल 2021” पेश करने वाली है। यह बिल भारत में प्राइवेट क्रिप्टो करेंसी पर बैन या नियमन करेगा। साथ ही, यह बिल भारतीय रिजर्व बैंक की ऑफिसियल डिजिटल करेन्सी हेतु फ्रेमवर्क भी बनाएगा। यदि, भारत स्वयं की डिजिटल करेन्सी बनाता है, तो इसके भविष्य में तेज़ी से आगे बढ़ने की सम्भावना है। 

इस करेन्सी के अचानक पचास प्रतिशत तक गिरने की सम्भावना रहेगी। इस करेन्सी से लेन-देन करने वालों को छोड़कर, रुपए के बदले बाहरी करेन्सी ख़रीदने वालों को नुक़सान होने की अत्यधिक सम्भावना है। 2009 में जनवरी की 9 तारीख़ को इसका उदय होने के कारण मकर राशि के प्रभाव से इसे ख़रीदने वालों में वृश्चिक व मकर राशि के जातकों को नुक़सान हो सकता है। परन्तु, शनि की महादशा  से बचे जातकों को लाभ होगा। मेष, कुम्भ व मीन राशि वालों को इस मुद्रा से डरने की ज़रूरत नहीं है। 

देश के उत्तरीय भाग में यह मुद्रा, दक्षिण की अपेक्षा अधिक तेज़ी से आगे बढ़ेगी। परन्तु, वैश्विक स्तर पर औसतन इस मुद्रा के बढ़ने व प्रचलन के अधिक आसार हैं। इस मुद्रा के स्वाभाविक रूप से प्रचलन में आने की काम सम्भावना दिख रही है। हाँ पर, क्रिप्टो के नियमन और अगले वर्ष चैत्र माह (मार्च-अप्रैल) के बाद कई हद तक इसके बढ़ने के आसार हैं।





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