Inc42 की रिपोर्ट के अनुसार वित्त मंत्रालय द्वारा बनाए गए इस नए पैनल को चार सप्ताह का समय दिया गया है।
दिए गए समय की अवधि खत्म होने के बाद पैनल को यह बताना होगा कि क्या क्रिप्टोकरेंसी में ट्रेडिंग से होने वाली आय पर कैपिटल प्रोफिट के रूप में टैक्स लगाया जा सकता है या उन्हें एक नई बनाई गई टैक्स कैटेगरी के तहत क्लासिफाई करने की आवश्यकता होगी।
इस कमिटी द्वारा क्रिप्टोकरेंसी ट्रेडिंग-आधारित आय पर टैक्सेशन एनालिसिस को कथित तौर पर Cryptocurrency Bill के अंतिम ड्राफ्ट में शामिल किया जाएगा। यानी Cryptocurrency Bill में भारत में क्रिप्टोकरेंसी ट्रेड की इनकम पर टैक्स लगाया जाएगा या नहीं, इस बारे में भी ड्राफ्ट में विस्तार से बताया जाएगा।
हाल के महीनों में, भारत में क्रिप्टोकरेंसी स्पेस में विस्तार देखा गया है। इस महीने की शुरुआत में जारी एक रिपोर्ट के अनुसार भारत, पाकिस्तान, यूक्रेन और वियतनाम में क्रिप्टोकरेंसी अपनाने की दर में 880 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।
TechStory की एक रिपोर्ट के अनुसार, लगभग सात मिलियन भारतीयों ने क्रिप्टोकरेंसी में 1 बिलियन डॉलर (लगभग 7,380 करोड़ रुपये) से अधिक की सामूहिक राशि का निवेश किया है। बढ़ते क्रिप्टो-कल्चर के बीच, भारतीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण क्रिप्टोकरेंसी बिल के ड्राफ्ट को तैयार करने की अनदेखी कर रही हैं। इस बीच, भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) 2021 के अंत तक अपनी पहली ऑफिशिअल डिजिटल करेंसी को एक रेगुलेटेड “सैंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी (CBDC)” के रूप में लॉन्च करने पर भी काम कर रही है।
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