गोयल ने कहा कि देश में क्रिप्टोकरंसीज को पेमेंट के विकल्प के तौर पर स्वीकार नहीं किया जा सकता। उनका कहना था कि डिसेंट्रलाइज्ड डिजिटल एसेट्स को क्रिप्टो टोकन कहा जाना चाहिए और इन टोकन को रेगुलेट करने की जिम्मेदारी देश की अथॉरिटीज के पास होनी चाहिए। गोयल का मानना है कि क्रिप्टो से जुड़ी बड़ी ट्रांजैक्शंस की ऐसे इनवेस्टर्स की ही अनुमति दी जानी चाहिए जिन्हें जोखिमों की जानकारी है।
सरकार ने संसद के शीतकालीन सत्र में क्रिप्टो बिल लाने की योजना बनाई थी। हालांकि, इसे टाल दिया गया है। इस बिल को स्वीकृति के लिए कैबिनेट के पास भेजा गया है। ऐसी रिपोर्ट है कि इस बिल में देश में सभी प्राइवेट क्रिप्टोकरंसीज पर बैन लगाना शामिल है। इसमें नियमों के उल्लंघन को गैर जमानती अपराध ठहराना भी है। इस सप्ताह की शुरुआत में रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) ने सरकार से क्रिप्टो से जुड़ी एक्टिविटीज पर पूरी तरह रोक लगाने का निवेदन किया था। RBI को क्रिप्टोकरंसीज के प्राइस में बहुत अधिक उतार-चढ़ाव और इसका गलत इस्तेमाल किए जाने जैसी आशंकाएं हैं। देश में क्रिप्टो सेगमेंट में ट्रेडिंग करने वालों की संख्या लगातार बढ़ रही है। Watcher Guru और BrokerChoose जैसी रिसर्च फर्मों की स्टडीज के अनुसार, दुनिया में सबसे अधिक क्रिप्टो ट्रेडर्स भारत में हैं। इनकी संख्या लगभग 10 करोड़ हो सकती है।
पिछले वर्ष सितंबर में अल साल्वाडोर ने बिटकॉइन को कानूनी दर्जा दिया था। ऐसा करने वाला वह दुनिया का पहला देश था। हालांकि, चीन जैसे देशों में क्रिप्टोकरंसीज को लेकर सख्ती बढ़ रही है। चीन ने माइनिंग सहित क्रिप्टो से जुड़ी सभी एक्टिविटीज पर रोक लगा दी है।
लेटेस्ट टेक न्यूज़, स्मार्टफोन रिव्यू और लोकप्रिय मोबाइल पर मिलने वाले एक्सक्लूसिव ऑफर के लिए गैजेट्स 360 एंड्रॉयड ऐप डाउनलोड करें और हमें गूगल समाचार पर फॉलो करें।