Highlights
- भारत और इंग्लैंड के बीच चेन्नई में खेला गया था पहला टेस्ट मैच
- पहला टेस्ट हारने के बाद टीम इंडिया ने सीरीज पर किया था कब्जा
- सवाल उठने के बाद बीसीसीआई अधिकारी ने रखी अपनी बात
बीसीसीआई के एक वरिष्ठ अधिकारी ने सोमवार को इन संकेतों को बकवास करार दिया कि पिछले साल चेन्नई में इंग्लैंड के खिलाफ पिच के प्रभारी क्यूरेटर ने जानबूझकर भारतीय टीम के हितों के खिलाफ काम किया था। इस तरह की खबरें आई हैं कि उस सीरीज के पहले टेस्ट की पिच के प्रभारी क्यूरेटर तापस चटर्जी से तत्कालीन टीम मैनेजमेंट ने पिच को पानी नहीं देने और रोलिंग नहीं करने को कहा था। पता चला है कि तापस चटर्जी को कहा गया था कि वह पानी नहीं डालें और पिच को रोल नहीं करें, ताकि चेन्नई की गर्मी से यह टूट जाए और पहले दिन से ही गेंद को काफी टर्न मिलने लगे।
इंग्लैंड के कप्तान जोए रूट ने खेली थी शानदार पारी, इंग्लैंड ने जीता था मैच
बताया जाता है कि तापस चटर्जी ने कथित तौर पर ये सुझाव नहीं माने और यह सपाट पिच निकली जहां इंग्लैंड के कप्तान जो रूट ने भारतीय गेंदबाजों के खिलाफ जमकर रन जुटाए और इंग्लैंड ने आसानी से टेस्ट मैच जीत लिया। तापस चटर्जी ने असल में दूसरे टेस्ट की पिच पर काम नहीं किया, जहां भारत ने मैच जीतकर बराबरी हासिल की। बीसीसीआई हालांकि इस मामले में जांच के मूड में नहीं है और वरिष्ठ अधिकारी ने इन आरोपों को बकवास करार दिया। बीसीसीआई के सूत्रों के अनुसार भारत की ओर से गंवाए मैच की जांच की कोई योजना नहीं थी। भारत ने अगले तीन टेस्ट जीतकर सीरीज 3-1 से जीती।
अधिकारी ने कहा कि जांच होनी चाहिए
इस मामले की जानकारी रखने वाले वाले वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि अगर तत्कालीन टीम मैनेजमेंट से किसी ने विश्व टेस्ट चैंपियनशिप मैच के लिए इस्तेमाल होने वाली पिच में बदलाव के लिए बाध्य करने का प्रयास किया था तो फिर जांच उसकी होनी चाहिए। साथ ही पता चला है कि किसी ने तापस चटर्जी पर दबाव डालकर उन्हें इस विवाद में घसीटने का प्रयास किया और कयूरेटर ने उस व्यक्ति का नाम बीसीसीआई की क्रिकेट संचालन टीम को बताते हुए उन्हें धमकाने’ की जानकारी दे दी है।
(Bhasha inputs)