कोरोना महामारी में लोग अपने घरों में बंद होने पर मजबूर हो गए। ऐेसे में बाहरी दुनिया से जुड़े रहने के लिए स्मार्टफोन ही लोगों का सहारा बने। चाहे वर्क फ्रॉम होम हो या कोई नई रेसिपी सीखना हो, स्मार्टफोन्स ने लोगों की कई तरह की जरूरतों को पूरा किया। मनोरंजन के लिए वेब सीरीज़ देखना हो या सोशल मीडिया हैंडल्स पर शॉर्ट रील्स बनाना हो, चिप सप्लाई की कमी के चलते भी स्मार्टफोन्स की डिमांड बढ़ी।
Counterpoint रिसर्च एनालिस्ट शिल्पी जैन के अनुसार भारत की स्मार्टफोन मार्केट पिछले पांच सालों से लगातार ग्रोथ कर रही है। 2019 तक स्मार्टफोन शिपमेंट का आंकड़ा 15.8 करोड़ पहुंच गया।
शिल्पी जैन ने कहा, “कोविड-19 के कारण मार्केट में हल्की गिरावट आई। अब मार्केट अधिक तेजी से ग्रोथ करने के लिए तैयार है। 2022 में इंडियन मार्केट अपनी सही क्षमता से ग्रोथ करेगी और यह 20 करोड़ के आंकड़े को पार कर सकती है।”
5G नेटवर्क वर्तमान में भले ही उपलब्ध नहीं हो पाया हो, फिर भी मार्केट एक्सपर्ट्स का कहना है कि 5जी स्मार्टफोन काफी डिमांड में हैं और कंज्यूमर्स की टॉप 3 प्राथमिकताओं में से एक है।
रियलमी इंडिया के सीईओ माधव सेठ ने कहा कि 5जी टेक्नोलॉजी के बारे में चर्चाएं 2019 में ही शुरू हो गईं थीं और स्मार्टफोन मेकर्स ने 2020 में 5जी डिवाइसेज को लॉन्च कर दिया।
माधव सेठ ने कहा, “5जी के लिए ट्रायल 2022 में शुरू होने हैं और स्पेक्ट्रम ऑक्शन साल की दूसरी छमाही में हो सकते हैं। आने वाले साल में हम 5जी डिवाइसेज की डिमांड बढ़ती हुई देख सकते हैं। Realme का लक्ष्य भारत में 5जी लीडर बनना है और इसके लिए हम 15 हजार से ऊपर के सभी फोन्स में 5जी लाएंगे। इस टेक्नोलॉजी को हम 10 हजार के नीचे के सेग्मेंट भी लाने पर काम कर रहे हैं।”
2021 की दूसरी छमाही में सेमीकंडक्टर की सप्लाई में आई शॉर्टेज ने भारत की स्मार्टफोन मार्केट पर असर डाला। लेकिन फेस्टिव सीज़न और तीसरी तिमाही में कंज्यूमर्स की बढ़ी डिमांड ने सप्लाई की कमी को भी पीछे छोड़ दिया।
Counterpoint से शिल्पी जैन ने कहा, “हमारा मानना है कि 2021 की तीसरी तिमाही में शिपमेंट 10 से 15 प्रतिशत तक अधिक होनी चाहिए थी। 2022 में भी सेमीकंडक्टर शॉर्टेज भारत की स्मार्टफोन मार्केट पर असर डालेगी लेकिन 2022 की दूसरी छमाही में स्थिति बेहतर होगी।”
शाओमी इंडिया के चीफ बिजनेस ऑफिसर रघु रेड्डी ने बताया कि पिछले दो सालों से मार्केट चिपसेट्स, बैटरी और मेमरी चिप्स की बढ़ी हुई कीमतों का सामना कर रही है। उन्होंने कहा कि डिमांड और सप्लाई के बीच अभी बड़ा अंतर बना रहेगा और हम इसे मेक इन इंडिया पहल के तहत कम करने की कोशिश करेंगे।
कोविड-19 के कारण वस्तुओं की आवा-जाही में रुकावट आई और इसके साथ सेमीकंडक्टर शॉर्टेज के चलते ग्लोबल सप्लाई चेन पर भी असर हुआ। इन सभी कारणों से इलेक्ट्रोनिक कम्पोनेंट्स की कीमत में लगभग 20 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी हो गई।
रियलमी से माधव सेठ ने कहा कि पिछले दो सालों में स्मार्टफोन इंडस्ट्री ने कई चुनौतियों का सामना किया है और चिपसेट की शॉर्टेज इनमें सबसे नई है। उन्होंने कहा कि 2021 की तीसरी तिमाही में शिपमेंट में कमी आई और यह चौथी तिमाही में भी जारी रहने की उम्मीद है। सप्लाई चेन की शॉर्टेज के कारण कंपनी नए प्रोडक्ट्स के लॉन्च को भी टाल रही हैं। इससे स्मार्टफोन की कीमतें भी थोड़ी बढ़ी हैं। माधव सेठ ने कहा कि चिप शॉर्टेज 2022 की दूसरी तिमाही में खत्म होने की उम्मीद है।
स्मार्टफोन मार्केट में Xiaomi और Samsung टॉप 2 कंपनियों में बनी हुई हैं। जबकि निचले तीन स्थानों पर Vivo, Realme और Oppo हैं। OnePlus, Samsung और Apple ने कस्टमर्स को अपने प्रीमियम स्मार्टफोन्स से लुभाया है।
Counterpoint के अनुसार रिटेल एएसपी (Average Selling Price) 2021 में 13 प्रतिशत तक बढ़ने की उम्मीद है क्योंकि स्मार्टफोन वॉल्यूम्स ऊंचे प्राइस सेग्मेंट की ओर खिसक रहे हैं।
दिसंबर में सरकार ने 76 हजार करोड़ रुपये की स्कीम को अप्रूव किया था ताकि देश में सेमीकंडक्टर और डिस्प्ले मैन्यूफैक्चरिंग को बढ़ावा दिया जा सके। इस कदम का मकसद टेक प्रोडक्शन के लिए भारत को ग्लोबल हब बनाना था ताकि बड़े चिप मेकर्स का ध्यान भारत की ओर जाए।
स्मार्ट टीवी और TWS ईयरबड्स के सेग्मेंट में भी बड़ी ग्रोथ हुई है। पूरी टीवी मार्केट का 85 प्रतिशत हिस्सा स्मार्ट टीवी का है। रिसर्च फर्म का कहना है कि अभी यह आंकड़ा और बढ़़ सकता है।
शिल्पी जैन ने कहा, “2022 तक स्मार्टटीवी की मार्केट 30 प्रतिशत ग्रोथ करेगी। महामारी के बाद इकोनॉमी में सुधार और मार्केट में नई फर्मों की एंट्री से ग्रोथ को बढ़ावा मिलेगा।”
नए साल में ग्राहकों को नए, स्लिम, आकर्षक और पावर पैक्ड स्मार्टफोन देखने को मिलेंगे। इसी के साथ इंटरनेट पर चलने वाली नई-नई डिवाइसेज भी मार्केट में आएंगी। इससे मार्केट में बढ़ी ग्रोथ की संभावना देखी जा रही है।