पीटीआई-भाषा से साक्षात्कार के दौरान पी चिदंबरम ने दिल्ली के जहांगीरपुरी और उससे पहले मध्य प्रदेश के खरगोन में इमारतों को ध्वस्त करने के लिए की गई कार्रवाई पर अपनी तीखी प्रतिक्रिया दी है।
नई दिल्ली
Updated: April 24, 2022 04:16:52 pm
पूर्व गृह मंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी. चिदंबरम ने हाल ही में हुए बुलडोजर के जरिए इमारतों के ध्वस्त करने की घटना पर अपनी बात रखी। उन्होंने कहा कि ये घटना ‘कानून-व्यवस्था के पूरी तरह ध्वस्त हो जाने’ को प्रदर्शित करती है। उनका मानना है कि अतिक्रमण हटाने के इस ‘अनूठे’ तरीके का लक्ष्य केवल मुस्लिम समुदाय और गरीबों को निशाना बनाना है। बता दें, राजधानी दिल्ली के जहांगीरपुरी इलाके में अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई के लिए बुलडोजर के इस्तेमाल को लेकर बीते कई दिनों से देश के भीतर और अंतर्राष्ट्रीय मीडिया में चर्चा गरम है।
बुलडोजर विवाद पर बोले पी चिदंबरम, ‘कानून के साथ खिलवाड़, गरीबों और मुस्लिम समुदाय को बनाया गया निशाना’
हिंसा के बाद बुलडोजर चलने के मामले पर इस मुद्दे पर एक बार फिर से चर्चा शुरू हो गई। चिदंबरम ने ‘पीटीआई-भाषा’ से दिल्ली के जहांगीरपुरी और उससे पहले मध्य प्रदेश के खरगोन में इमारतों को ध्वस्त करने के लिए की कार्रवाई पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि बुलडोजर के जरिये इमारतों को ध्वस्त किये जाने को भाजपा नेताओं द्वारा सही ठहराना ‘कानून के साथ खिलवाड़’ है। कोर्ट ने अतिक्रमण हटाओ अभियान को स्थगित करने का आदेश दिया था लेकिन इसके बाद भी कुछ देर तक यह अभियान चलता रहा।
आपको बता दें, सांप्रदायिक दंगों का शिकार हुए दिल्ली के जहांगीरपुरी इलाके में एनडीएमसी द्वारा चलाए गए अतिक्रमण अभियान को चुनौती देने के लिए माकपा नेता और पुर्व राज्यसभा सांसद बृंदा करात ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया है। तो वहीं दूसरी तरफ, कांग्रेस का एक प्रतिनिधिमंडल, बृंदा करात (माकपा) और असदुद्दीन औवेसी (एआईएमआईएम) के जहांगीरपुरी कार्रवाई स्थल पर पहुंचने के एक दिन बाद पहुंचा था, जिसे लेकर विभिन्न वर्गों ने कांग्रेस की आलोचना की है।
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जब उनसे पूछा गया कि क्या कांग्रेस को अपने ऊपर लगने वाले नरम हिंदुत्व के आरोप के जवाब में “धर्मनिरपेक्षता” को और अधिक आक्रामक तरीके से पेश करना चाहिए, इस पर चिदंबरम ने कहा कि धर्मनिरपेक्षता संविधान के मूल ढांचे का हिस्सा है और यह कांग्रेस का एक बुनियादी आधारभूत मूल्य है। चिदंबरम ने कहा, “धर्मनिरपेक्ष बने रहना ही काफी नहीं है। हर किसी को धर्मनिरपेक्षता की भाषा बोलनी चाहिए और धर्मनिरपेक्षता का उल्लंघन होने पर विरोध प्रदर्शन करना चाहिए। मैं धर्मनिरपेक्षता को लेकर किसी भी तरह की हिचकिचाहट को स्वीकार नहीं कर सकता।”
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