बीमारी के मारे, ये सितारे/सुरेंद्र अग्रवाल: जब भी कोई बीमारी होती है, तो सबसे पहले हम उसका इलाज या उससे बचाव के बारे में ढूंढते हैं. लेकिन तब क्या करें, जब आपकी बीमारी का ना कोई इलाज हो और ना बचाव. आपको जानकर हैरानी होगी कि एक्टर फवाद खान को भी ऐसी बीमारी है, जिसका ना कोई इलाज है और ना बचाव. इस बीमारी का नाम टाइप-1 डायबिटीज है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, फवाद को 17 साल की उम्र में इस बीमारी के बारे में पता चला था. बता दें कि फवाद खान पाकिस्तान के बड़े लोकप्रिय एक्टर हैं, जिनकी लड़कियों में काफी फैन फॉलोइंग है. उन्होंने 2014 में बॉलीवुड फिल्म खूबसूरत से डेब्यू किया था.
Type-1 Diabetes: क्या है टाइप-1 डायबिटीज?
सीडीसी के मुताबिक, जब आपका पैंक्रियाज पर्याप्त इंसुलिन नहीं बनाता है या फिर इंसुलिन बनाना बिल्कुल ही बंद कर देता है, तो शरीर में ब्लड शुगर लेवल बढ़ने लगता है. इस स्थिति को टाइप-1 डायबिटीज कहते हैं. यह बीमारी किसी भी उम्र में हो सकती है, लेकिन आमतौर पर बच्चों व किशोरों में इसे ज्यादा देखा जा सकता है. यह डायबिटीज का दुर्लभ प्रकार है, जिसे पहले जुवेनाइल या इंसुलिन-डिपेंडेंट डायबिटीज भी कहा जाता था.
आपको बता दें कि इंसुलिन एक हॉर्मोन होता है, जो ब्लड शुगर को शरीर की कोशिकाओं में प्रवेश करने में मदद करता है. जहां शरीर उसे एनर्जी के रूप में इस्तेमाल करता है. लेकिन, शरीर में इंसुलिन की मात्रा कम हो जाती है, तो ब्लड शुगर कोशिकाओं में प्रवेश नहीं कर पाता है और खून में ही रहता है.
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टाइप-1 डायबिटीज क्यों होती है?
जब हमारे शरीर का इम्यून सिस्टम गलती से पैंक्रियाज में मौजूद बीटा सेल्स को नष्ट करने लगता है, तब टाइप 1 डायबिटीज विकसित होती है. इसलिए इसे ऑटोइम्यून डिसऑर्डर कहा जाता है. बीटा सेल्स ही इंसुलिन हॉर्मोन का उत्पादन करती हैं. बीटा सेल्स नष्ट होने की प्रक्रिया कई महीने और सालों तक चलती रहती है, तब जाकर टाइप 1 डायबिटीज के लक्षण दिखाई देते हैं. कुछ लोगों में माता-पिता से इसके जीन पास होते हैं. लेकिन इनमें से काफी लोग हमेशा सामान्य जीवन भी जी सकते हैं.
Type 1 Diabetes के लक्षण
मायोक्लिनिक के मुताबिक, टाइप 1 डायबिटीज के निम्नलिखित लक्षण हो सकते हैं. जैसे-
- प्यास लगना
- बार-बार पेशाब आना
- बिस्तर गीला करना
- भूख लगना
- अचानक वेट लॉस होना
- थकान और कमजोरी
- नजर धुंधली होना, आदि
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टाइप 1 डायबिटीज को मैनेज करने का तरीका
सीडीसी कहता है कि टाइप 1 डायबिटीज का अभी तक ना कोई इलाज है और ना ही बचाव किया जा सकता है. हालांकि, इसे डॉक्टर की मदद और जीवनशैली में बदलाव से मैनेज किया जा सकता है. जैसे-
- किडनी, आंख और लिवर की देखभाल करना
- इंसुलिन इंजेक्शन लेना
- ब्लड शुगर को नियमित रूप से चेक करना
- योगा व एक्सरसाइज करना
- स्वस्थ खानपान
- कोलेस्ट्रॉल व ब्लड प्रेशर को कंट्रोल रखना
- तनाव ना लेना, आदि
नोट- सूचित किया जाता है कि ‘गर्दिश में सितारे’ सीरीज का नाम बदलकर ‘बीमारी के मारे, ये सितारे’ कर दिया गया है.
यहां दी गई जानकारी किसी भी चिकित्सीय सलाह का विकल्प नहीं है. यह सिर्फ शिक्षित करने के उद्देश्य से दी जा रही है.