Saturday, April 9, 2022
Homeसेहतबीमारियों से बचना है तो जरूर जानें भोजन करने का आयुर्वेदिक तरीका

बीमारियों से बचना है तो जरूर जानें भोजन करने का आयुर्वेदिक तरीका



मॉडर्न डायटीशियन और फिटनेस एक्सपर्ट्स भले ही आपको दिन में कई बार छोटे-छोटे मील लेने की सलाह देते हैं. लेकिन आयुर्वेदाचार्य डॉक्टर रेखा का कहना है कि आयुर्वेदिक नियमों के अनुसार यह विधि आपके मेटाबॉलिज़म के लिए ठीक नहीं है. अगर आप चाहते हैं कि आपका मेटाबॉलिज़म ठीक से काम करे और आप स्वस्थ जीवन जिएं तो इसके लिए जरूरी है कि आप अपने खाने-पीने की आदतों को अपने रहन-सहन और कल्चर के अनुसार फॉलो करें. 


अपनी एक सोशल मीडिया पोस्ट में डॉक्टर रेखा बताती हैं कि दिन में कई बार भोजन करने की आदत आपके मेटाबॉलिज़म को मजबूत नहीं बनने देती है. इतना ही नहीं ऐसा करने की आदत आपके शरीर की पाचकाग्नि को धीमा करती है. पाचकाग्नि शरीर की वो प्राकृतिक ऊर्जा होती है, जो खाए हुए भोजन को पचाने का कार्य करती है और इस भोजन को रस में परिवर्तित करती है.


भोजन के सही नियम



  • डॉक्टर रेखा का कहना है कि आयुर्वेद में हर 4 घंटे के बाद फुल मील लेने का नियम बताया गया है. आयुर्वेद सिर्फ अपने भोजन को खाने की सलाह नहीं देता बल्कि इसके स्पर्श, स्वाद, गंध और रूप से जुड़ने के लिए भी कहता है. यानी आप जब भोजन करें तो अपने भोजन के साथ पूरा जुड़ाव अनुभव करें और इसे अच्छी तरह फील करें.

  • एक बार भोजन करने के बाद आप अपने शरीर को इसे पचाने के लिए पूरा समय दें. अगली बार तब तक कुछ ना खाएं, जब तक कि आपको भूख का आभास ना हो. जब भोजन पच जाएगा और आपके शरीर को और भोजन की आवश्यकता होगी तो आपको स्वत: ही भूख लग जाएगी और आपका शरीर इस भोजन को सही प्रकार से पचा पाएगा.

  • जब आपके पेट में गया हुआ भोजन पूरी तरह पच जाता है तो इस भोजन का स्वाद, गंध और इससे जुड़ा अहसास भी आपकी जीभ से पूरी तरह गायब हो जाता है. इस प्रक्रिया में 3.5 से 4 घंटे का समय लगता है. इसलिए अच्छे स्वास्थ्य के लिए जरूरी है कि आप एक बार भोजन करने के बाद दूसरी बार भोजन तभी करें, जब आपकी भूख पूरी तरह खुल चुकी हो.

  • इसके साथ ही हर दिन एक निश्चित समय पर भोजन करने का महत्व भी आयुर्वेद में बताया गया है. इसलिए प्रयास करें कि हर दिन तय समय पर ही भोजन ग्रहण करें. ताकि शरीर की बायॉलजिकल क्लॉक सही प्रकार से काम करती रहे और आपका मेटाबॉलिज़म स्ट्रॉन्ग बना रहे.


Disclaimer: इस आर्टिकल में बताई विधि, तरीक़ों व दावों को केवल सुझाव के रूप में लें, एबीपी न्यूज़ इनकी पुष्टि नहीं करता है. इस तरह के किसी भी उपचार/दवा/डाइट पर अमल करने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें.


यह भी पढ़ें: बिना दवाओं के फ्री के इन नुस्खों से हमेशा के लिए दूर करें एसिडिटी की समस्या
यह भी पढ़ें: हार्ट अटैक के लक्षण और कारण, जानें अटैक से पहले मिलते हैं कौन से संकेत





Source link
  • Tags
  • Ayurveda
  • ayurvedic food
  • ayurvedic ways of eating
  • benefits of healthy eating
  • best way of eating
  • best way of healthy eating
  • Diet
  • din main kitni bar khana khaye
  • eating etiquette
  • eating times in a day
  • eating timing
  • food
  • food and ayurveda
  • Health
  • how many times should eat in a day
  • Lifestyle
  • short meals
  • what is healthy eating
  • आयुर्वेद और भोजन के नियम
  • दिन में कितनी बार खाएं
  • दिन में कितनी बार खाना सही
  • दिन में कितनी बार भोजन करें
  • भोजन और आयुर्वेद
  • भोजन की आयुर्वेदिक विधि
  • भोजन खाने का आयुर्वेदिक तरीका
RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

- Advertisment -

Most Popular