‘भगवान राम’ को लेकर देश की सियासत का तापमान अकसर अपने चरम पर रहता है। बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा-जेडीयू सरकार के सहयोगी जीतन राम मांझी ने भगवान राम को लेकर एक बार फिर विवादित बयान दिया है।
Published: April 15, 2022 11:55:48 am
अपने विवादित बयानों से अक्सर सुर्खियों में रहने वाले पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने जमुई जिला अंतर्गत सिकंदरा प्रखंड के लछुआड़ में एक बार फिर से भगवान राम एवं सत्यनारायण स्वामी को लेकर विवादित बयान दिया है। कुछ महीने पहले उन्होंने भगवान राम और ब्राह्मणों को लेकर विवादित बयान दिया था, जिससे उनकी काफी किरकरी हुई थी। पूर्व सीएम ने सुर्खियां बटोरने के लिए एक बार फिर से ब्राह्मण और भगवान राम को लेकर विवादित बयान दिया है। हिन्दुस्तानी आवाम मोर्चा के प्रमुख जीतन राम मांझी ने कहा है कि वह भगवान राम को नहीं मानते हैं।
बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने दिया विवादित बयान, कहा – ‘हम भगवान राम को नहीं मानते’
इसके साथ ही उन्होंने खुद को माता सबरी का वंशज बताया। पूर्व मुख्यमंत्री ने जमुई जिले के सिकंदरा प्रखंड क्षेत्र के लछुआड़ में बाबा साहब भीम राव आंबेडकर की जयंती और माता सबरी महोत्सव समारोह में छूआछूत की समस्या पर बात करते हुए यह विवादित बयान दिया। उन्होंने खुद को सबरी का वंशज तो बताया मगर वहीं उन्होंने यह भी कह दिया कि मर्यादा पुरुषोत्तम राम एक काल्पनिक पात्र है।
भगवान राम को काल्पनिक बताते हुए जीतन राम मांझी कहा कि राम कोई भगवान नहीं थे बल्कि महर्षि वाल्मीकि और तुलसीदास के काव्य ग्रंथ के महज एक पात्र थे। उन्होंने कहा कि वे गोस्वामी तुलसीदास और वाल्मीकि को मानते हैं, लेकिन राम को नहीं मानते, राम कोई भगवान नहीं थे। वह गोस्वामी तुलसीदास और वाल्मीकि के एक काव्य पात्र थे। उन्होंने कहा कि महाकाव्य में बहुत सी अच्छी बात है, उसको हम मानते हैं। अगर आप कहते हैं कि राम को मानते हैं तो यह दोनों बात नहीं चलेगी।
ओडिशा: HC ने विकलांग शिक्षक को आजीविका से वंचित करने के लिए सरकार को ठहराया दोषी
पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा द्वारा आयोजित अंबेडकर जयंती सह शबरी महोत्सव में शामिल होने शुक्रवार को प्रखंड क्षेत्र के लछुआड़ पहुंचे थे। अपने संबोधन के दौरान उन्होंने एक बार फिर से ब्राह्मणों के लिए अपशब्द का प्रयोग करते हुए कहा कि पहले बड़े लोग सत्यनारायण स्वामी की पूजा कराते थे। लेकिन अब अनुसूचित जाति के लोग भी सत्यनारायण स्वामी की पूजा कराने लगे हैं।
कर्नाटक के इस मंदिर में कुरान के पाठ के साथ त्योहार मनाने की पीढ़ियों पुरानी परंपरा जारी
अगली खबर