विराट कोहली ने टी20 और वनडे क्रिकेट के बाद टेस्ट टीम की भी कप्तानी छोड़ने का ऐलान कर दया है। कोहली ने यह फैसला साउथ अफ्रीका के खिलाफ 1-2 से सीरीज हारने के बाद लिया। विराट ने कप्तानी का पद छोड़ने की जानकारी ट्वीट के जरिए दी। बतौर कप्तान किंग कोहली का करियर शानदार रहा है। उन्होंने 68 मैचों में टीम इंडिया की अगुवाई की है जिसमें भारत 40 मैच जीतने में सफल रहा है। कोहली टेस्ट क्रिकेट में भारत के सबसे सफल कप्तान है।
विराट कोहली की कप्तानी में भारत ने विदेशी सरजमीं पर दिखाया दमखम
कोहली की अगुवाई में विदेशी सरजमीं पर भी टीम इंडिया इतिहास रचने में कामयाब रही है। 2018 बॉर्डर गावस्कर ट्रॉफी में कोहली की कप्तानी में टीम इंडिया पहली बार कंगारुओं को उसी की धरती पर चित करने में कामयाब रही थी। वह सीरीज टीम इंडिया ने 2-1 से अपने नाम की थी। वहीं इंग्लैंड में भी भारत सीरीज जीतने के बेहद करीब है। 5 मैचों की टेस्ट सीरीज कोरोनावायरस की वजह से स्थगित होने से पहले भारत 2-1 से मेजबानों से आगे था।
बल्ले से भी कोहली ने उगली आग
बतौर कप्तान कोहली कप्तानी के साथ-साथ बल्ले से भी आक्रामक दिखाई देते थे। 68 मैचों में उन्होंने 54.80 के शानदार औसत से 5864 रन बनाए। कोहली ने इस दौरान 20 शतक और 18 अर्धशतक भी जड़े। कोहली का बतौर कप्तान सर्वश्रेष्ठ स्कोर नाबाद 254 रनों का रहा जो उन्होंने साउथ अफ्रीका के खिलाफ 2019 में पुणे में बनाया था। वह टेस्ट क्रिकेट में बतौर कप्तान भारत के लिए सबसे ज्यादा रन बनाने वाले बल्लेबाज रहें।
बात वर्ल्ड क्रिकेट की करें तो बतौर कप्तान सबसे ज्यादा रन बनाने के मामले में विराट चौथे स्थान पर रहे। कोहली से आगे ग्रीम स्मिथ (8659), एलन बोर्डर (6623) और रिकी पोंटिंग (6542)।
खराब फॉर्म में भी कोहली ने 40 की औसत से बनाए रन
2019 के बाद विराट कोहली ने किसी भी फॉर्मेट में शतक नहीं लगाया है। कोहली कई बार 50 के पार पहुंची, लेकिन वह शतक नहीं जड़ सके। इसके बाद कहा जाने लगा कि किंग कोहली खराब फॉर्म से जूझ रहे हैं। कोहली खराब फॉर्म होने के बावजूद साउथ अफ्रीका की सरजमीं पर 40 की औसत से रन बनाने में कामयाब रहे। बतौर कप्तान अपनी आखिरी टेस्ट सीरीज में कोहली ने दो मैच खेलते हुए 161 रन बनाए जिसमें 79 रन की उनकी पारी किसी शतक से कम नहीं थी।