आप कोई काम सिर्फ इसलिए समय रहते पूरा नहीं कर पाते क्योंकि आपका ध्यान लगातार भटकता रहता है…अगर ऐसा है तो आपको परेशान होने की नहीं बल्कि इस समस्या के समाधान पर विचार करने की आवश्यकता है. दरअसल, ध्यान भटकना या फोकस ना रख पाना एक तरह की मानसिक समस्या है. जिसे आप कुछ रेग्युलर प्रैक्टिस और जरूरत होने पर कुछ खास दवाओं की मदद से सही कर सकते हैं. हालांकि यह कोई बीमारी नहीं होती है बल्कि आप इसे डिसऑर्डर की तरह समझ सकते हैं. अलग-अलग चिकित्सा पद्धिति में इस समस्या को कई अलग नामों से जाना जाता है और अलग कारणों से जोड़कर देखा जाता है. हालांकि कुछ खास प्रैक्टिस ऐसी हैं, जो हर चिकित्सा पद्धिति में इलाज के दौरान कराई जाती हैं. इनके बारे में यहां विस्तार से जानें…
दिल्ली बेस्ड सीनियर सायकाइट्रिस्ट डॉक्टर राजेश कुमार का कहना है कि ध्यान भटकने की समस्या या एकाग्रता की कमी कई कारणों से हो सकती है, इनमें मेंटल और फिजिकल दोनों हेल्थ शामिल हैं. जैसे, जब हम मेंटल हेल्थ की बाद करते हैं तो डोपामिन और सेरेटॉनिन जैसे हॉर्मोन्स की कमी के कारण फोकस पुअर हो सकता है. वहीं, थायरॉइड की समस्या और शरीर में आयरन की कमी के कारण भी ध्यान केंद्रित करने में समस्या होती है. क्योंकि इन सभी स्थितियों में मन में लगातार कुछ ना कुछ विचार आते रहते हैं और व्यक्ति वर्तमान में ना रहकर आने वाले समय के बारे में सोचता रहता है या फिर बीत चुकी बातों में उलझा रहता है, जिससे उसकी प्रजेंट टाइम परफॉर्मेंस अफेक्ट होती है. ऐसे में आपको लाइफस्टाइल सुधारने के साथ ही मेडिकल हेल्प लेने की आवश्यकता होती है.
फोकस बढ़ाने का पहला तरीका
अपने ध्यान को केंद्रित करने के लिए सबसे पहले आप मेडिटेशन का सहारा लें. हर दिन कम से कम 30 मिनट के लिए किसी शांत जगह पर बैठकर ध्यान लगाने का प्रयास करें. सुखासन (पालथी लगाकर) में बैठें और आंखें बंद करके अपनी सांसों पर ध्यान केंद्रित करने का प्रयास करें. शुरुआत में आपको समस्या हो सकती है लेकिन नियमित रूप से ध्यान प्रयास करने पर आप फोकस बनने लगेगा. ध्यान लगाने का तय रखें. इससे शुरुआती स्तर पर एकाग्रता बढ़ाने में मदद मिलती है.
रोज योग करें
योग करने से एकाग्रता बढ़ाने में मदद मिलती है. क्योंकि इसे करते समय आपको अपनी सांस और प्राणवायु पर फोकस करना होता है. साथ बैलंस बनाने के लिए अपनी मुद्राओं पर ध्यान देना होता है. इसलिए नियमित प्रैक्टिस से आपका ध्यान केंद्रित होने लगता है और एकाग्रता बढ़ने लगती है. इससे आप अपने काम को पहले की तुलना में तेज स्पीड के साथ और समय सीमा के भीतर कर पाते हैं.
मंत्र जप करना
चांटिंग या मंत्रों का उच्चारण करने से भी ध्यान को एकाग्र करने में सहायता मिलती है. इसके लिए किसी खास मंत्र की आवश्यकता नहीं होती है. बल्कि आप अपनी सुविधा के अनुसार, ऊं नम: शिवाय या गायत्री मंत्र जैसा कोई आसान मंत्र चुन सकते हैं. या फिर अपने ईष्ट देव का कोई भी मंत्र ले सकते हैं.
मंत्र जब करने के लिए आप ध्यान मुद्रा में बैठकर जाप करें या फिर रुद्राक्ष या तुलसी की माला से भी मंत्र जप कर सकते हैं. माला से जप करने का लाभ यह होता है कि आपको काउंटिंग में आसानी रहती है क्योंकि एक माला में 108 मोती होते हैं. यानी आप एक बार में 108 बार जप करेंगे और आपको पता भी रहेगा. साथ ही माला से जप करने पर आध्यात्मिकता और सकारात्मक सोच में वृद्धि होती है.
इस समय लें फीजिशियन की मदद
आपका शरीर हर समय थका-थका रहता है, थोड़ा-सा चलने या काम करने के बाद आपका सांस फूलने लगता है. इसका अर्थ है कि आपके शरीर में पोषक तत्वों की कमी है. इनमें आयरन की कमी, फोलिक एसिड का अभाव और अन्य न्यूट्रिएंट्स का अभाव भी शामिल हो सकता है. इस स्थिति में आपको डॉक्टर की सुझाई दवाओं का सेवन करना चाहिए. इसके साथ में योग और मेडिटेशन करना जल्दी और बेहतर रिजल्ट देता है.
ऐसे में सायकाइट्रिस्ट की मदद चाहिए
बिना बात गुस्सा आता रहता है, बिना किसी कारण रोने का मन करता है, दिमाग में हर समय नकारात्मक विचार आते हैं, अचानक घबराहट होने लगती है… इत्यादि. यदि आपको ऐसी कोई समस्या है तब भी आपका अपने काम में मन लग पाएगा और आपका ध्यान लगातार भटकता रहेगा. ऐसा इसलिए होता है क्योंकि ये सभी समस्याएं एंग्जाइटी डिसऑर्डर के लक्षण या फिर डिप्रेशन के प्रारंभिक लक्षणों के तौर पर परिलक्षित होते हैं. ऐसे में आपको मनोवैज्ञानिक की सहायता लेनी चाहिए. ये आपको काउंसलिंग और दवाओं के माध्यम से बेहतर होने में सहायता करेंगे.
Disclaimer: इस आर्टिकल में बताई विधि, तरीक़ों व दावों की एबीपी न्यूज़ पुष्टि नहीं करता है. इनको केवल सुझाव के रूप में लें. इस तरह के किसी भी उपचार/दवा/डाइट पर अमल करने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें.
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