Social Trading Scam: कोरोना काल की वजह से उत्पन्न हुए आर्थिक संकट के बाद से अब बड़ी संख्या में लोग कम समय में ज्यादा रिटर्न की तलाश में हैं. ऐसे में लोगों को शिकार बनाने के लिए साइबर ठग भी एक्टिव हो गए हैं. वो लोगों को सोशल ट्रेड के जरिए जल्द पैसा डबल करने का झांसा देते हैं और फिर उनकी जमा पूंजी को उड़ा लेते हैं. इस तरह की ठगी के मामले लगातार सामने आ रहे हैं. हैरानी की बात ये है कि पढ़े लिखे लोग भी जालसाजों का शिकार आसानी से बन रहे हैं. यहां हम आपको बताएंगे कुछ ऐसी बातें जिनका ध्यान रखकर आप ठगी के इस जाल में नहीं फंसेंगे.
क्या होती है सोशल ट्रेडिंग
सोशल ट्रेडिंग का दायरा अब बढ़ता जा रहा है. इसमें नेटवर्क जोड़कर कमीशन कमाने का, ट्रेड के लिए किसी को रेफर करके पैसा डबल करने का व कुछ समय के लिए पैसा लगाकर उसे डबल करने का झांसा दिया जाता है. सोशल ट्रेडिंग में सबसे ज्यादा ठगी लाइक के नाम पर होती है. इसमें ठग किसी भी वेबसाइट पर ऐड क्लिक करने या विजिट कने पर पैसा देने का लालच देते हैं. इसके लिए अकाउंट खुलाने के नाम पर अलग-अलग पैकेज के हिसाब से अमाउंट लिया जाता है. उस अमाउंट को एक तय समय में डबल करने का दावा किया जाता है. विश्वास जीतने के लिए ठग कुछ दिन तक प्रॉफिट देते हैं. ऐसे में ग्राहक का जब विश्वास बन जाता है और वह ज्यादा पैसा लगाता है तो ठग रुपये लेकर भाग जाते हैं.
इन बातों का रखें ध्यान
- अगर आप इस तरह की ठगी से बचना चाहते हैं तो सबसे पहली बात ये कि कम समय में ज्यादा प्रॉफिट के लालच में न पड़ें. इस तरह के अधिकतर स्कीम आज नहीं तो कल फेल हो जाते हैं और निवेशकों का पैसा डूब जाता है.
- अगर आपको कंपनी पर भरोसा हो गया है और आपने पैसा लगाने का मन बना लिया है तो रकम लगाने से पहले एक बार उस कंपनी के बारे में पता जरूर करें. देखें कि वह कंपनी रजिस्टर्ड है या नहीं. उसके कितने कस्टमर हैं. दूसरे कस्टमर का क्या रिव्यू है.
- आप किसी भी कंपनी के रिव्यू को देखने के लिए गूगल, फेसबुक, ट्विटर या दूसरे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर उस कंपनी का नाम या स्कीम का नाम लिखते हुए रिव्यू या कस्टमर फीडबैक लिखें.
- आपके सामने ग्राहकों का रिव्यू आ जाएगा. हालांकि रिव्यू पढ़ते वक्त ध्यान रखें कि सिर्फ एक-दो ग्राहकों के रिव्यू पर भरोसा न करें. कुछ रिव्यू पेड होते हैं.
- जब भी पैसा लगाएं तो एक ही बार में ज्यादा रकम या अपनी सारी जमापूंजी न लगाएं. वैसे तो बेहतर होगा कि उतनी ही रकम लगाएं जितना डूबने पर आपको कोई असर न पड़े.
- पैसा ट्रांसफर करते वक्त ये जरूर देखें कि आप किस खाते में पैसा जमा कर रहे हैं. अगर कोई कंपनी बिजनेस कर रही है और खाता सेविंग देती है तो समझ लीजिए कि ये फ्रॉड है. क्योंकि कंपनी के लिए करेंट अकाउंट यानी चालू खाता होता है. ये खाता कंपनी के रजिस्ट्रेशन डॉक्युमेंट्स के आधार पर ही खुलता है.
ये भी पढ़ें
Cyber Fraud: जानिए किस नए भेष में आ रहे हैं साइबर चोर, आपके खाते को सुरक्षित रखने के ये हैं तरीके
Malware Alert: Android यूजर्स के लिए खतरे की घंटी, 23 ऐप में मिला PhoneSpy Malware, बरतें ये सावधानी