Shoaib Malik opens up on seeing himself fit after his blazing knock against Scotland
शोएब मलिक 39 वर्ष के हैं लेकिन अब भी मैदान पर बने हुए हैं और पाकिस्तान के इस अनुभवी बल्लेबाज ने कहा कि फिटनेस के प्रति जुनूनी बनने से उनका अंतरराष्ट्रीय करियर इतना लंबा खिंच पाया है। मलिक पिछली सदी से अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट खेल रहे हैं। उनकी टीम के कुछ साथियों का तब जन्म भी नहीं हुआ था, लेकिन उन्हें पाकिस्तानी टीम के सबसे फिट खिलाड़ियों में आंका जाता है और वह अपने दम पर मैच जीतने की काबिलियत भी रखते हैं।
मलिक ने रविवार को आईसीसी टी20 विश्व कप में स्कॉटलैंड के खिलाफ 18 गेंदों पर 54 रन बनाकर फिर से अपना कौशल दिखाया जिससे पाकिस्तान ने 72 रन से जीत दर्ज की। मलिक ने मैच के बाद संवाददाता सम्मेलन में कहा, “ईमानदारी से कहूं तो जब मैं आइना देखता हूं तो मेरे अंदर खुद को फिट रखने का जुनून पैदा होता है और सबसे महत्वपूर्ण यह है कि मैं आज भी क्रिकेट का लुत्फ उठा रहा हूं। इससे मदद मिल रही है और आखिर में टीम को भी इससे फायदा मिलता है।”
उन्होंने कहा, “मेरा मानना है कि अगर आप फिट रहना चाहते हैं तो आपको प्रत्येक दिन अभ्यास करना होगा और मैं यही कर रहा हूं। मैं पक्के तौर पर नहीं कह सकता कि मैं एक साल या दो साल और खेलूंगा। अभी एक महत्वपूर्ण प्रतियोगिता चल रही है और मैं इस बारे में नहीं सोच रहा हूं।”
पाकिस्तान सुपर 12 के ग्रुप दो में शीर्ष पर रहा और सेमीफाइनल में उसका सामना गुरुवार को ऑस्ट्रेलिया से होगा। आईसीसी चैंपियन्स ट्राफी 2009 के बाद आईसीसी की किसी प्रतियोगिता में अपना पहला अर्धशतक जमाने वाले मलिक ने कहा, “निश्चित तौर हमने ऑस्ट्रेलिया को देखा है, जिस तरह से वे खेल रहे हैं। वे वास्तव में अच्छी क्रिकेट खेल रहे हैं। हम भी अच्छा खेल रहे हैं, लेकिन निश्चित रूप से यह दोनों टीमों के लिये कड़ी चुनौती होगी।”
उन्होंने कहा, “अभी सेमीफाइनल में कुछ दिन शेष हैं इसलिए हम इसके लिये रणनीति तैयार करेंगे।” मलिक टी20 विश्व कप के लिये पाकिस्तान की शुरुआती 15 सदस्यीय टीम का हिस्सा नहीं थे, लेकिन सोहैब मकसूद के चोटिल होने के कारण बाहर होने से उन्हें टीम में लिया गया।
उन्होंने कहा, “जब पहली टीम घोषित की गयी तो मैं कैरेबियाई प्रीमियर लीग में खेल रहा था। टीम में मेरा नाम नहीं था। बेशक मुझे बुरा लगा। मैं बहुत निराश था। मैंने बहुत सी ऐसी टीमें देखी हैं जिनमें मेरा नाम नहीं था, लेकिन जब आप विश्व कप टीम का हिस्सा नहीं होते हैं तो दुख होता है।”