बैंक ऑफ घाना के गवर्नर Ernest Addison ने डिजिटल करेंसी के बारे में कहा, “बैंक ऑफ घाना फाइनेंशियल सेक्टर के डिजिटलाइजेशन के तहत एक CBDC प्रस्तुत करना चाहता है। इससे फाइनेंशियल इनक्लूजन में मदद मिलेगी और इकोनॉमी में कैश को कम किया जा सकेगा। इससे पेमेंट्स से जुड़ी कॉस्ट में भी कमी आएगी।” CBDC को सेंट्रल बैंक रेगुलेट करते हैं और यह क्रिप्टोकरेंसी की तरह होती है। इसे एक ब्लॉकचेन नेटवर्क पर बनाया जाता है। इससे ट्रांजैक्शंस सेंट्रलाइज्ड होती हैं और उनका पता लगाया जा सकता है। क्रिप्टोकरेंसीज से जुड़ी ट्रांजैक्शंस डीसेंट्रलाइज्ड होती हैं।
हाल के दिनों में कुछ देशों ने CBDC लॉन्च करने की योजना पर काम शुरू किया है। क्रिप्टोकरेंसीज की तरह CBDC में वोलैटिलिटी नहीं होती और अन्य रिस्क नहीं होते। अमेरिका में फेडरल रिजर्व CBDC लॉन्च करने की संभावना तलाश रहा है। रूस ने डिजिटल रूबल कही जाने वाली अपनी CBDC की टेस्टिंग शुरू कर दी है।
कैरिबियन देश जमैका की डिजिटल करंसी Jam-Dex जल्द लॉन्च हो रही है और इसके शुरुआती एक लाख यूजर्स को अतिरिक्त 16 डॉलर का फायदा मिलेगा। जमैका की सरकार ने इस डिजिटल करेंसी की लोगों के बीच लोकप्रियता बढ़ाने के लिए इंसेंटिव देने की स्ट्रैटेजी बनाई है। इसकी टेस्टिंग पिछले वर्ष पूरी की गई थी। जमैका के सभी लोगों के पास एक वॉलेट प्रोवाइडर या बैंक के जरिए Jam-Dex तक पहुंच होगी। जमैका की लगभग 17 प्रतिशत जनसंख्या के पास बैंकिंग सिस्टम तक पहुंच नहीं है। बैंक एकाउंट रखने वाले जमैका के सभी लोग ऑटोमैटिक तरीके से Jam-Dex डिजिटल वॉलेट प्राप्त कर सकेंगे। एक अनुमान के अनुसार, 86 देश अपनी डिजिटल करेंसी डिवेलप कर रहे हैं। इन देशों की संख्या पिछले दो वर्षों में लगभग दोगुनी हुई है। इन देशों में से नौ ने पहले ही CBDC लॉन्च कर दी है और 15 देश इसकी टेस्टिंग कर रहे है।
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