Saturday, March 12, 2022
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प्रतिबंधों के बावजूद क्रिप्टोकरंसीज में ट्रांजैक्शंस कर रहे रशियन इनवेस्टर्स


कई देशों की ओर से पकड़े प्रतिबंधों के बावजूद रूस के इनवेस्टर्स की बिटकॉइन और अन्य क्रिप्टोकरंसीज में ट्रांजैक्शंस जारी हैं। हालांकि, इसकी वॉल्यूम कम दिख रही है। ब्लॉकचेन एनालिटिक्स फर्म Kaiko के डेटा से पता चलता है कि रूबल में डॉमिनेशन वाले बिटकॉइन की ट्रेडिंग वॉल्यूम शनिवार को इस वर्ष के उच्चतम स्तर पर थी। हालांकि, इसका बड़ा हिस्सा Tether स्टेबलकॉइन के साथ है। रूबल में डॉमिनेशन वाले बिटकॉइन का एवरेज ट्रेड साइज 24 फरवरी को लगभग 580 डॉलर था, जब रूस ने यूक्रेन पर हमला किया था।

क्रिप्टो एल्गोरिद्मिक ट्रेडिंग फर्म Efficient Frontier के बिजनेस डिवेलपमेंट मैनेजर, एंड्रू ट्यु ने कहा, “रूस के बहुत से छोटे इनवेस्टर्स बिटकॉइन खरीद रहे हैं। USDT रखने वालों पर तकनीकी तौर पर अमेरिकी डॉलर के प्रतिबंध वास्तव में लागू नहीं हो सकते लेकिन मुझे लगता है कि कुछ लोग अतिरिक्त सतर्कता बरत रहे हैं।” बिटकॉइन की ग्लोबल ट्रेडिंग की कुल वॉल्यूम में रूस की हिस्सेदारी बहुत कम है। बिटकॉइन की प्रति दिन की एवरेज ट्रेडिंग वॉल्यूम 20 अरब से 40 अरब डॉलर के बीच रहती है। शनिवार को रूबल में डॉमिनेशन वाले बिटकॉइन की कुल ट्रेडिंग वॉल्यूम लगभग 1.42 करोड़ डॉलर की थी। 

केवल तीन ग्लोबल क्रिप्टो एक्सचेंज Binance, Yobit और LocalBitcoins रूबल में डॉमिनेशन वाली क्रिप्टोकरंसीज की ट्रेडिंग की पेशकश करते हैं। Binance और Coinbase सहित एक्सचेंजों ने कहा है कि वे रूस के सामान्य लोगों पर अपनी सर्विस का इस्तेमाल करने को लेकर प्रतिबंध नहीं लगाएंगे। हालांकि, प्रतिबंधित व्यक्तियों और एंटिटीज से जुड़े यूजर्स को ब्लॉक करने की कोशिश की जा रही है। उदाहरण के लिए, Coinbase ने कहा है कि उसने प्रतिबंध वाली सूची में शामिल 25,000 से अधिक एड्रेस को ब्लॉक कर दिया है। 

ऑस्ट्रेलियन क्रिप्टो एक्सचेंज BTC Markets की चीफ एग्जिक्यूटिव Caroline Bowler ने कहा कि उनकी फर्म प्रतिबंधों के तहत आने वाली रूस की एंटीटीज को ब्लॉक कर रही है। उन्होंने ब्लूमबर्ग टेलीविजन को दिए एक इंटरव्यू में बताया, “बिटकॉइन में विशेषतौर पर छोटे इनवेस्टर्स की ओर से ट्रेडिंग बढ़ी है।” अमेरिका, ब्रिटेन और फ्रांस सहित बहुत से देशों ने यूक्रेन पर हमले के बाद रूस पर कड़े प्रतिबंध लगाए हैं। इसके अलावा कुछ बड़ी कंपनियों ने भी रूस में कारोबार बंद कर दिया है। इनमें पेट्रोलियम कंपनी शेल भी शामिल है जिसने रूस से ऑयल नहीं खरीदने का फैसला किया है। 

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