पौष माह की एकादशी को पुत्रदा एकादशी नाम से भी जाना जाता है वैष्णवों द्वारा उपवास रखने का एक पवित्र दिन है. यह पर्व हिंदू पंचांग अनुसार पौष माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि पर पड़ता है. ‘पुत्रदा’ अर्थ संतान से संबंधित है जो पुत्र प्राप्ति को दर्शाता है. यह एकादशी पौष के दौरान आती है, इसलिए इसे ‘पौष पुत्रदा एकादशी’ के नाम से जाना जाता है.यह एकादशी मुख्य रूप से संतान प्राप्ति के लिए विशेष मानी जाती है मान्यता अनुसार इस दिन निसंतान दंपति यदि व्रत रखें ओर इस एकादशी का पूर्ण श्रद्धा के साथ पालन करें तो यह संतान संबंधी सभी प्रकार के कष्टों को दूर करने में सहायक होती है. जो दंपति संतान प्राप्ति की इच्छा रखते हैं वे इस दिन पूरी श्रद्धा और जोश के साथ भगवान विष्णु की पूजा करते हैं. पौष पुत्रदा एकादशी विशेष रूप से उत्तर भारत के राज्यों में भगवान विष्णु के अनुयायियों के मध्य विशेष रुप से मनाई जाती है. दक्षिण भारत के कुछ क्षेत्रों में, पौष पुत्रदा एकादशी को ‘वैकुंठ एकादशी’, ‘स्वर्गवथिल एकादशी’ या ‘मुक्कोटि एकादशी’ के रूप में मनाया जाता है.
धन से जुड़ी किसी भी समस्या से अभी पाएं मुक्ति कराएं कुबेर पूजा