करिश्माई भारतीय फुटबॉल खिलाड़ी सुनील छेत्री ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर गोल की संख्या के मामले में इस खेल के महानतम खिलाड़ियों में शामिल पेले की बराबरी करने के बाद उम्मीद जतायी कि वह निकट भविष्य में देश के लिए खेलना और गोल करना जारी रखेंगे। 37 साल के छेत्री ने सैफ चैम्पियनशिप में नेपाल के खिलाफ 83वें मिनट में गोलकर भारत को 1-0 से जीत दिलाने में अहम भूमिका निभाई।
टूर्नामेंट में टीम की यह तीन मैचों में पहली जीत है जिससे वह प्रतियोगिता में बनी हुई है। छेत्री का यह 77वां अंतरराष्ट्रीय गोल है, जिससे उन्होंने पेले की बराबरी की। पिछले कुछ समय से भारतीय फुटबॉल टीम के प्रदर्शन में गिरावट आयी लेकिन छेत्री के खेल पर इसका असर नहीं दिखा है।
छेत्री ने मैच के बाद पीटीआई-भाषा से कहा, “मुझसे मेरी निरंतरता के बारे में पूछा जाता रहता है, काश मेरे पास कोई जवाब होता। लेकिन सच्चाई यह है कि मैंने कोई खाका तैयार नहीं किया है। यह हर एक दिन अपना सर्वश्रेष्ठ देने के बारे में है और मैं इस चीज के लिए शुक्रगुजार हूं कि इसमें कोई कमी नहीं आयी है।”
छेत्री की उम्र को लेकर सवाल उठते रहे है लेकिन भारतीय कप्तान ने साफ किया कि उन्होंने भविष्य के बारे में ज्यादा नहीं सोचा है और शीर्ष स्तर पर खेलना जारी रखेंगे। छेत्री ने कहा, “शायद आपको मेरी बात झूठ लगे लेकिन मैंने एक फुटबॉल खिलाड़ी के तौर पर अपने भविष्य के बारे में कभी नहीं सोचा है। मैंने पहले भी कहा है कि मुझे सुबह उठना, अभ्यास करना और खेलना पसंद है। मैं इसका पूरा लुत्फ उठाता हूं और कभी भी इसे रोकना नहीं चाहता हूं।”
भारत के लिए 123 मैच खेल चुके छेत्री ने कहा, “फुटबॉल के साथ मेरी भविष्य की योजना सचमुच मेरे अगले प्रशिक्षण सत्र की तरह होगी। मैं भाग्यशाली हूं कि मेरे चारों ओर एक ‘सपोर्ट सिस्टम (समर्थन)’ है जो यह सुनिश्चित करता है कि मुझे किसी ऐसी चीज के बारे में सोचने या चिंता करने की जरूरत नहीं है जिसमें फुटबॉल शामिल नहीं है। इससे मुझे अपने जुनून को जीने में आसानी होती है।”
इस गोल के साथ ही छेत्री सक्रिय फुटबॉल खिलाड़ियों में यूएई के अली मबखौत के साथ संयुक्त रूप से तीसरे स्थान पर है। उनके अधिक गोल क्रिस्टियानो रोनाल्डो (112) और लियोनेल मेसी (79) के नाम है। अंतरराष्ट्रीय और क्लब दोनों स्तरों पर एक शीर्ष-श्रेणी के स्ट्राइकर के रूप में खुद और टीम के लिए अनगिनत उपलब्धियों के बाद भी खेल में सर्वश्रेष्ठ करने की उनकी भूख बनी हुई है।
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उन्होंने कहा, “यह काफी सरल है, अगर कोई ट्रॉफी है तो मैं उसे जीतना चाहता हूं। ऐसे बहुत कम खिलाड़ी होंगे जो अपनी ट्रॉफियों की संख्या से संतुष्ट होंगे, मैं उन से अलग नहीं हूं। व्यक्तिगत स्तर पर, मैं आंकड़ों और उपलब्धियों का बहुत बड़ा प्रशंसक नहीं हूं। लेकिन मुझे गलत मत समझिये, मैंने जो कुछ भी हासिल किया है उसके लिए मैं आभारी हूं। मेरे लिए हालांकि टीम के लिए जीत हासिल करना, चाहे वह देश के लिए हो या क्लब के लिए, से बड़ा कुछ भी नहीं है।”