पीएम नरेंद्र मोदी और पोप फ्रांसिस की मुलाकात पर जहां कुछ लोग सवाल उठा रहे हैं, वहीं कई लोग इसे सही बता रहे हैं। पर यह मुलाकात बीजेपी की नज़र से फायदेमंद हो सकती है।
नई दिल्ली। भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल ही में अपने इटली दौरे के दौरान वेटिकन सिटी में पोप फ्रांसिस से मुलाकात की। इस मुलाकात के अलग-अलग मायने देखे जा रहे हैं। विपक्ष और कुछ लोग इस मुलाकात पर सवाल उठा रहे हैं। यहां तक कि बीजेपी से राज्यसभा में सांसद सुब्रमण्यम स्वामी ने भी इस मुलाकात पर सवाल उठाए हैं। वहीं दूसरी तरफ कई लोग इस मुलाकात को सही बता रहे हैं। पीएम मोदी ने पोप फ्रांसिस को भारत आने का न्यौता भी दिया, जिसे पोप फ्रांसिस ने स्वीकार भी कर लिया। हालांकि पीएम मोदी और पोप फ्रांसिस के बीच हुई इस मुलाकात का कोई तय एजेंडा नहीं था, पर अगर बीजेपी की नज़र से देखा जाए तो यह मुलाकात उनके लिए राजनीतिक नज़रिए से काफी फायदेमंद साबित हो सकती है।
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पीएम नरेंद्र मोदी और पोप फ्रांसिस की मुलाकात का राजनीतिक फायदा
पीएम नरेंद्र मोदी और पोप फ्रांसिस की मुलाकात का कोई तय उद्देश्य नहीं था, फिर भी यह राजनीतिक नज़रिए से बीजेपी के लिए आने वाले समय में फायदेमंद हो सकती है। अगले साल जनवरी-फरवरी में 5 राज्यों में विधानसभा चुनाव होने हैं। इन 5 राज्यों में से गोवा और मणिपुर दो ऐसे राज्य हैं जहां ईसाई जनसंख्या की अधिकता है। ऐसे में पीएम मोदी की पोप फ्रांसिस से हुई मुलाकात इन दोनों राज्यों में ईसाई वोट पाने में अहम भूमिका निभा सकती है। गोवा में 27% से ज़्यादा कैथोलिक ईसाई वोट्स हैं। इसके साथ ही मणिपुर में भी काफी कैथोलिक ईसाई वोट्स हैं। ऐसे में पीएम मोदी की पोप फ्रांसिस के साथ मुलाकात से बीजेपी अपने धर्मनिरपेक्षता के संदेश का मज़बूती से प्रचार कर सकती है। गोवा में बीजेपी के कैथोलिक फेस कहे जाने वाले मौविन गोदिन्हो ने भी पीएम मोदी की पोप फ्रांसिस से मुलाकात को ऐतिहासिक बताया है। ऐसे में बीजेपी अपनी चुनावी रणनीति में इसके हिसाब से ज़रूरी पक्ष और नई प्रचार नीतियों को शामिल कर सकती है। साथ ही विपक्ष के बीजेपी पर साम्प्रदायिकता से सम्बन्धित आरोप भी जनता की नज़र में भ्रामक साबित हो सकेंगे। ऐसे में इन दोनों राज्यों में बीजेपी की स्थिति और मज़बूत हो सकेगी।