Tuesday, December 21, 2021
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पिता नहीं बन पाए क्रिकेटर तो खोली किराने की दुकान, अब भारत के लिए खेलेगा बेटा


नई दिल्‍ली. भारत की अंडर-19 टीम आने वाले समय में एशिया कप (Under-19 Asia Cup) और वर्ल्‍ड कप (Under-19 World Cup ) खेलेगी. इसके लिए भारत की अंडर 19 टीम का ऐलान हो चुका है. गाजियाबाद के सिद्धार्थ यादव (siddharth yadav) भी टीम में जगह बनाने के कामयाब रहे. सिद्धार्थ के पिता श्रवण यादव की गाजियाबाद में किराने की दुकान है और बेटे के टीम में चयन के बाद से ही उनकी दुकान अधिक चर्चा में है. दुकान पर आने वाले ग्राहक उन्‍हें बधाई दे रहे हैं. इंडियन एक्‍सप्रेस की खबर के अनुसार दुकानदार श्रवण के लिए क्रिकेट गाजियाबाद में भारत के पूर्व क्रिकेटर मनोज प्रभाकर को नेट्स में गेंदबाजी करने तक ही सीमित रहा, लेकिन खेल के लिए उनका जुनून असीमित है और यही उनके बेटे को विरासत में मिली.

श्रवण ने बताया कि जब सिद्धार्थ छोटा था तो यह उनका ही सपना था कि उनका बेटा एक दिन क्रिकेट खेले. जब उनके बेटे ने पहली बार बल्‍ला थामा और वह बाएं हाथ पर खड़ा था. यह देखकर मेरी मां ने कहा कि ये कैसा उल्‍टा खड़ा हो गया है. मैंने कहा कि उसका यही स्‍टांस होगा और तब से वह बाएं हाथ का बल्‍लेबाज हैं.

दोपहर में दुकान बंद करके बेटे को मैदान पर लेकर जाते
सिद्धार्थ का सीरियस तौर पर क्रिकेट 8 साल की उम्र में शुरू हुआ था. सिद्धार्थ ने अपने पिता के सपने को पूरा करने के लिए कड़ी मेहनत की. हर दिन दोपहर में श्रवण अपने बेटे को पास के मैदान में लेकर जाते और थ्रो डाउन करते कि सिद्धार्थ को सीधे बल्‍ले से खेलना पड़ा. श्रवण ने बताया कि मैंने यह सुनिश्चित किया कि वह करीब 3 घंटे तक ऐसा अभ्‍यास करें. मैं दोपहर 2 बजे अपनी दुकान बंद कर देता था और फिर हम 6 बजे तक मैदान में रहते. इसके बाद शाम को दुकान पर लौटता.

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रात में साढ़े 10 बजे खाना खाते और फिर सोते. सिद्धार्थ के पिता ने बताया कि वो इतना थक जाते थे कि होश ही नहीं रहता था. सिद्धार्थ के परिवार के हर कोई उनका सपोर्ट नहीं करता था. उनकी दादी चाहती थी कि वो पढ़ाई पर ध्‍यान लगाए. श्रवण ने बताया कि उन्‍हें लगता था कि यह जुए जैसा है. जिंदगी खराब हो जाएगी. आवारा हो जाएगा. सिद्धार्थ के अनुसार उनके पिता का सपना था, जिसे उन्‍हें पूरा करना था.

Tags: BCCI, Cricket news, India under 19, Under 19 World Cup





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