इस पर साल दर साल हैकिंग के मामलों की गिनती करवाते हुए उन्होंने एक लिखित उत्तर में बताया कि 2017 में 175 अकाउंट हैक हुए थे, 2018 में 114 अकाउंट हैक किए गए, 2019 में 61 अकाउंट हैक हुए, 2020 में 77, 2021 में 186 और वर्तमान वर्ष में 28 सरकारी अकाउंट हैक हो चुके हैं।
ठाकुर ने कहा कि यह जानकारी इंडियन कम्प्यूटर इमरजेंसी टीम (CERT-In) ने मिनिस्ट्री ऑफ इलेक्ट्रॉनिक्स एंड इंफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी (MeitY) को उपलब्ध करवाई है।
आने वाले समय में इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए सरकार क्या कदम उठा रही है, इस बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि साइबर सिक्योरिटी बढ़ाने के लिए CERT-In को बनाया गया था। डिजिटल टेक्नोलॉजी का सेफ इस्तेमाल किया जा सके, उसके लिए CERT-In लगातार लेटेस्ट साइबर खतरों और उनसे निपटने के उपायों के बारे में अलर्ट और सलाह जारी करती है।
“इंडियन कम्प्यूटर इमरजेंसी टीम ने डेटा सुरक्षा और फ्रॉड को कम करने के लिए ऑर्गेनाइजेशन और यूजर्स के लिए 68 एडवाजरी जारी की हैं।
मंत्री ने कहा, “वेबसाइट्स/ई-मेल/ट्विटर अकाउंट्स को खतरा होने पर सीईआरटी-इन इसके लिए तुरंत ऐसे एक्शन सुझाती है जिससे कि साइबर हमले से बचा जा सके। सीईआरटी-इन प्रभावित ऑर्गेनाइजेशंस, सर्विस प्रोवाइडर्स, क्षेत्रीय कंप्यूटर सिक्योरिटी रेस्पोन्स टीमों के साथ साथ लॉ एनफोर्समेंट एजेंसियों के साथ भी संपर्क में रहती है।
उन्होंने कहा कि यूजर्स को अपने डेस्कटॉप, मोबाइल/स्मार्ट फोन को सेफ रखने और फ़िशिंग अटैक को रोकने के लिए सिक्योरिटी सलाह भी प्रकाशित की गई हैं।
“CERT-In ने नेशनल साइबर कॉर्डीनेशन सेंटर (National Cyber Coordination Centre (NCCC)) को बनाया है ताकि वर्तमान में संभावित साइबर सिक्योरिटी खतरों के प्रति स्थिति के अनुसार जरूरी जागरूकता फैलाई जा सके। एनसीसीसी का फेज-1 वर्तमान में चालू हो चुका है।” मंत्री ने कहा।