यह रिसर्च एस्ट्रोफिजिकल जर्नल में 6 जनवरी को प्रकाशित हुई है। इसमें कहा गया है कि विशाल तारों में जब विस्फोट होता है, उसे देखना मील का पत्थर है। इस स्टडी के प्रमुख लेखक व्यान जैकबसन-गैलन (Wynn Jacobson-Galan) ने एक बयान में कहा कि विशालकाय लाल तारे को विस्फोट करते देखना एक बड़ी सफलता है।’
CNN की रिपोर्ट के अनुसार, इस विशाल तारे में असामान्य गतिविधि का पता खगोलविदों ने 130 दिन पहले लगाया था। यूनिवर्सिटी ऑफ हवाई के इंस्टिट्यूट फॉर एस्ट्रोनॉमी पैन-STARRS टेलीस्कोप ने 2020 की गर्मियों में तेज रेडिएशन का पता लगाया। कुछ दिनों बाद रिसर्चर्स ने उसी जगह पर एक विशाल तारे को देखा। जांच में पता लगा कि जब तारे में विस्फोट हुआ, तब उसके चारों ओर मटीरियल था। इस रिसर्च के तहत खगोलविदों का मकसद पूरे ब्रह्मांड में तारों के विकिरण को देखना है। यह भी देखना है कि क्या इससे तारों की मौत के संकेत मिलते हैं।
अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा ने भी पिछले साल मरते हुए तारे को दिखाया था। नासा ने उसके हबल स्पेस टेलीस्कोप से नेब्युला (निहारिका) की खींची गई इमेज शेयर की। इस नेब्युला का जन्म एक मरते हुए तारे की वजह से हुआ है, जिसका नाम एचडी 44179 है और यह तारा लगभग 14000 साल से अपनी आउटर लेयर्स को अलग कर रहा है। खास बात यह है कि यह तारा, सूर्य के समान है, लेकिन यह मर रहा है और इस वजह से गैस और अन्य सामग्री ब्रह्मांड में छोड़ रहा है, जो इसे एक बहुत ही अलग आकार देते हैं। यह तारा एक अद्भुत संरचना से घिरा है, जिसे लाल आयत के रूप में जाना जाता है।
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