हालांकि, सिंगापुर की अथॉरिटीज ने लगातार यह चेतावनी दी है कि क्रिप्टोकरंसी में ट्रेडिंग करने में बहुत जोखिम है और यह पब्लिक के लिए ठीक नहीं है क्योंकि इसमें काफी उतार-चढ़ाव होता है। गाइडलाइंस में यह स्पष्ट किया गया है कि क्रिप्टोकरंसी ट्रेडिंग से जुड़ी फर्मों को अपनी सर्विसेज की मार्केटिंग या एडवर्टाइजिंग पब्लिक एरिया में नहीं करनी चाहिए और न ही इसके लिए वे सोशल मीडिया इंफ्लुएंसर्स सहित थर्ड पार्टीज को शामिल कर सकती हैं।
गाइडलाइंस में कहा गया है कि ये फर्में केवल अपनी कॉरपोरेट वेबसाइट्स, मोबाइल एप्लिकेशंस या सोशल मीडिया एकाउंट्स पर मार्केटिंग या एडवर्टाइजिंग कर सकती हैं। सिंगापुर को ट्रेड के लिहाज से उदार रवैया रखने वाले देशों में गिना जाता है। बहुत सी ग्लोबल फाइनेंशियल कंपनियों के ऑफिस भी सिंगापुर में मौजूद हैं। हालांकि, क्रिप्टोकरंसी ट्रेडिंग से जुड़े जोखिमों के कारण सिंगापुर में पब्लिक को इस सेगमेंट से दूर रखने की कोशिश की जा रही है। इससे पहले भी सिंगापुर में अथॉरिटीज ने क्रिप्टोकरंसी से नुकसान की आशंका को लेकर पब्लिक को चेतावनी दी है।
क्रिप्टोकरंसी ट्रेडिंग को लेकर कई देशों में सरकारों ने अपना रुख सख्त किया है। चीन में पिछले वर्ष क्रिप्टोकरंसी ट्रेडिंग को लेकर बंदिशें और बिटकॉइन माइनिंग पर रोक लगाई गई थी। अमेरिका में भी क्रिप्टोकरंसी सेगमेंट को रेगुलेट किए जाने की मांग उठ रही है। कोसोवो जैसे कुछ देशों ने इलेक्ट्रिसिटी की अधिक खपत के कारण बिटकॉइन माइनिंग पर रोक लगाई है। भारत में जल्द क्रिप्टोकरंसी से जुड़ा कानून लाया जा सकता है। स्वदेशी जागरण मंच जैसे कुछ संगठन क्रिप्टोकरंसी पर पूरी तरह प्रतिबंध लगाने की भी मांग कर रहे हैं। भारत में क्रिप्टोकरंसी सेगमेंट में निवेश करने वालों की संख्या बढ़ रही है। सरकार की ओर से रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया को एक डिजिटल करंसी लॉन्च करने की योजना बनाने को भी कहा है।
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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