पंजाब विधानसभा चुनावों के लिए भाजपा कैप्टन अमरिंदर सिंह और अकाली दल से अलग हुए सुखदेव सिंह ढींढसा के साथ आने के लिए तैयार है। गृह मंत्री अमित शाह ने स्वयं इसके संकेत दिए हैं कि वो पहले ही दोनों नेताओं के संपर्क में है, और गठबंधन को लेकर रणनीति बना रहे हैं।
गृह मंत्री अमित शाह ने शनिवार को पंजाब चुनाव पर कहा, ‘हम कैप्टन साब (अमरिंदर सिंह) के साथ-साथ (पूर्व अकाली दल के नेता सुखदेव सिंह ढींडसा) ढींडसा साहब से बात कर रहे हैं। संभव है कि हमारा दोनों पार्टियों के साथ गठबंधन हो। हम दोनों पक्षों से सकारात्मक सोच के साथ बात कर रहे हैं।’
स्पष्ट है भाजपा पंजाब विधानसभा चुनावों के लिए बड़ी रणनीति पर काम कर रही है। अमरिंदर सिंह और सुखदेव सिंह के साथ आने से भाजपा को बढ़त मिली है। पहले ही अमरिंदर सिंह पंजाब में एक लोकप्रिय चेहरा हैं और अब सुखदेव सिंह के साथ आने से अकाली दल के वोट बैंक में भी भाजपा सेंध लगा सकती है।
हालांकि, अमित शाह ने इशारों-इशारों में साफ कर दिया है कि इस बार अकाली दल के साथ कोई गठबंधन नहीं किया जाएगा। शाह ने ये भी कहा कि ‘पंजाब में मेरिट और विकास के आधार पर चुनाव लड़ा जाएगा।’
कृषि कानून वापस लिए जाने के बाद भी जारी किसान आंदोलन पर शाह ने कहा कि पीएम मोदी ने बड़ा दिल दिखाया है। उन्होंने कहा, “मुझे नहीं लगता कि किसानों का आंदोलन अभी भी वहां कोई बड़ा मुद्दा है..प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मांग को मान कर अपना बड़ा दिल दिखाया है और तीन कृषि कानूनों को निरस्त करने की घोषणा की है।”
गौरतलब है कि पंजाब में सत्तारूढ़ पार्टी कांग्रेस अभी आंतरिक कलह से जूझ रही है। अमरिंदर सिंह पार्टी से अलग हो चुके हैं और उन्होंने कृषि कानून वापस लिए जाने के बाद भाजपा से हाथ मिलाने के संकेत दिए थे। अकाली दल, कांग्रेस और आम आदमी पार्टी पहले ही पंजाब चुनावों के लिए नए-नए दांव चल रहे हैं। अब भाजपा का अमरिंदर सिंह और सुखदेव सिंह के साथ जाना चुनावी समीकरण पर कितना प्रभाव डालेगा देखना दिलचस्प होगा।