पंजाब कांग्रेस ने कोरोना के खतरे से बचते हुए चुनाव प्रचार करने की तरीका ढूंढ निकाला है। बता दें कि पंजाब में जन-जन तक पहुंचने के लिए बड़ी-बड़ी रैलियां करने की बजाय पार्टी ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ यानि आरएसएस का फॉर्म्युला अपनाने का फैसला किया है।
नई दिल्ली
Updated: January 03, 2022 10:58:59 am
नई दिल्ली। देश में एक बार कोरोना के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। ऐसे में विशेषज्ञों का कहना है कि संभव है कि देश में कोरोना की तीसरी लहर आ चुकी है। ऐसे में देश में पांच राज्यों में चुनाव कराना भी एक चुनौती बना हुआ है। दरअसल, चुनावी रैलियों में जुटने वाली भीड़ से कोरोना का विस्फोट होने की आशंका है। ऐसे में पंजाब कांग्रेस ने कोरोना के खतरे से बचते हुए चुनाव प्रचार करने की तरीका ढूंढ निकाला है। बता दें कि पंजाब में जन-जन तक पहुंचने के लिए बड़ी-बड़ी रैलियां करने की बजाय पार्टी ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ यानि आरएसएस का फॉर्म्युला अपनाने का फैसला किया है।
punjab congress will follow rss model to reachout voters amid corona
जानकारी के मुताबिक रविवार को पंजाब चुनाव के लिए बनी कैंपेन कमेटी की बैठक में यह फैसला लिया गया है। कमेटी के सदस्यों मे तय किया कि पंजाब विधानसभा चुनाव के लिए पार्टी आरएसएस की तरह ही जमीनी स्तर पर काम करेगी। इससे पार्टी कार्यकर्ता निजी तौर पर मतदाताओं से संपर्क करेंगे और कोरोना के फैलने का खतरा भी कम होगा।
बता दें कि यह बैठक कैंपेन कमेटी के चेयरमैन सुनील जाखड़ की अध्यक्षता में हुई। बैठक में मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू भी मौजूद थे। इसमें फैसला लिया गया कि कांग्रेस अब बड़ी रैलियां करने की बजाय बूथ स्तर पर कोरोना नियमों का पालन करते हुए लोगों से मिलेगी। इस दौरान पार्टी कार्यकर्ताओं को कोरोना नियमों का सख्ती से पालन करना होगा। इसके तहत बूथ स्तर पर बैठकें की जाएंगी, और मतदाताओं को कांग्रेस के विजन के बारे में जानकारी दी जाएगी।
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