पलाऊ के राष्ट्रपति ‘सुरंगेल व्हिप्स जूनियर’ ने RNS के जरिए ‘सभी ग्लोबल यूजर्स’ को डिजिटल रेजिडेंसी देने के लिए एक समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं।
CoinTelegraph ने एक रिपोर्ट में राष्ट्रपति के हवाले से लिखा है कि देश के डिजिटल रेजिडेंसी प्रोग्राम में आइडेंटिटी वेरिफिकेशन के इंटरनैशनल लेवल के स्टैंडर्ड होंगे। राष्ट्रपति ने कहा, हम डिजिटल रेजिडेंसी प्रोग्राम में आवेदन करने के लिए सभी ग्लोबल सिटिजंस का स्वागत करते हैं।
डिजिटल रेजिडेंसी आवेदक एक खाता बना सकते हैं और अपने क्रेडिट कार्ड या क्रिप्टोकरेंसी का इस्तेमाल करके पेमेंट कर सकते हैं।
वैसे ऐसा पहली बार नहीं है, जब पलाऊ ने क्रिप्टो स्पेस के पक्ष में अपना दृष्टिकोण बनाया है। पिछले साल नवंबर महीने में इस देश ने अपनी नेशनल डिजिटल करेंसी के निर्माण के लिए क्रिप्टो सॉल्यूशन प्रोवाइडर रिपल (Ripple) के साथ पार्टनरशिप की थी। इसके तहत, अगर पलाऊ अपनी डिजिटल करेंसी तैयार कर लेत है, तो वहां के अधिकारी XRP लेजर (XPRL) नाम के डीसेंट्रलाइज्ड पब्लिक ब्लॉकचेन पर इसके इस्तेमाल करेंगे।
बात करें क्रिप्टोकरेंसी की, तो सबसे ज्यादा वैल्यू रखने वाली Bitcoin को लेकर एक्सपर्ट का मानना है कि ये युवा निवेशकों के लिए नया गोल्ड है। पेन्सिलवेनिया यूनिवर्सिटी के व्हार्टन स्कूल में फाइनैंस के प्रोफेसर ‘जेरेमी सीगल’ ने एक इंटरव्यू में कहा कि सोने की तुलना में बिटकॉइन मुद्रास्फीति से बचाव के रूप में बेहतर काम कर रहा है। इसने युवा निवेशकों के दिमाग में जगह बना ली है। कई युवा निवेशकों के दिमाग में बिटकॉइन ने सोने (gold) की जगह ले ली है। ये डिजिटल कॉइंस मिलेनियल्स के लिए नया गोल्ड हैं।
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