पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू ने एक बार फिर पंजाब सरकार पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय ने कोटकपुरा पुलिस फायरिंग की जांच छह महीने के भीतर पूरी करने का आदेश दिया था, लेकिन छह महीने बीतने के बाद भी इस मामले में चार्जशीट दाखिल नहीं की जा सकी है।
चंडीगढ़ : पंजाब कांग्रेस प्रमुख नवजोत सिंह सिद्धू ( Navjot Singh Sidhu) ने सोमवार को राज्य में अपनी पार्टी की सरकार पर निशाना साधते हुए पूछा कि 2015 कोटकपुरा पुलिस फायरिंग की घटना में अब तक चार्जशीट क्यों नहीं दर्ज हुई ! सिद्धू ने मीडिया को संबोधित करते हुए कहा कि पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय ने निर्देश दिया था कि कोटकपुरा घटना (Kotkapura police firing case) की जांच छह महीने के भीतर पूरी कर ली जाय, लेकिन छह महीने बीतने के बाद भी स्थिति जस की तस बनी हुई है, आखिर इस मामले की चार्जशीट कहां है। सिद्धू पहले भी सीएम चरणजीत सिंह चन्नी (Charanjit Singh Channi) के कामकाज को लेकर नाखुशी जाहिर कर चुके हैं।
सिद्धू ने पंजाब सरकार से यह भी पूछा कि गोलीबारी की घटना के आरोपी पूर्व पुलिस महानिदेशक सुमेध सिंह सैनी (Former Punjab DGP Sumedh Singh Saini) को मिली जमानत के खिलाफ अदालत में विशेष अनुमति याचिका क्यों नहीं दायर की गई। उन्होंने कहा कि तकनीकी रूप से कोई भी वकील अटॉर्नी जनरल बन सकता है और कोई भी आईपीएस अधिकारी डीजीपी बन सकता है, लेकिन अगर नैतिकता के बारे में बात करते हैं तो क्या ऐसा करना सही होगा ! क्या हम ऐसे लोगों को एजी और डीजी के रूप में नियुक्त कर सकते हैं, जबकि हमने पंजाब के लोगों से वादा किया था कि हम उन्हें बेअदबी और गोलीकांड के मामलों में न्याय देंगे।
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उन्होंने कहा कि कोटकपुरा गोलीकांड में तीसरी एसआईटी को गठित हुए 6 महीने हो चुके हैं, लेकिन अब तक कोई चार्जशीट दाखिल नहीं की गई है। सिद्धू ने कहा कि यह मेरा कोई व्यक्तिगत मामला नहीं है, लेकिन मैं अपने पंजाब के साथ खड़ा हूं।
पंजाब कांग्रेस प्रमुख ने कहा कि पंजाब में सत्तारूढ़ सरकार में राजनीतिक इच्छाशक्ति की कमी है, क्योंकि राज्य के पूर्व डीजीपी सुमेध सिंह सैनी को दी गई बेल के खिलाफ विशेष अनुमति याचिका दायर नहीं की गई जो कि फरीदकोट के बहबलकलां पुलिस फायरिंग मामले में नामजद मुख्य व्यक्तियों में से एक हैं।
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उन्होंने सरकार की कार्यप्रणाली पर सवालिया निशान लगते हुए कहा कि जिन्होंने मुख्य साजिशकर्ताओं को क्लीन चिट दी थी, क्या हम उन्हें एजी और डीजी के रूप में नियुक्त कर सकते हैं, जबकि हमने पंजाब के लोगों को इस मामले में न्याय दिलाने का वादा किया था।