नई दिल्ली. दिल्ली सरकार राज्य में वायु प्रदूषण कम करने के लिए लगातार कई उपाय कर रही है. सरकार इलेक्ट्रिक व्हीकल को बढ़ावा देने के लिए अलग-अलग पॉलिसी लेकर आ रही है. अब हाल ही में सरकार ने एक योजना बनाई है, जिसके तहत राज्य सरकार के कर्मचारी समान मासिक किश्तों (EMI) पर इलेक्ट्रिक टू-व्हीलर खरीद सकेंगे. राष्ट्रीय राजधानी में सरकार के साथ दो लाख से अधिक कर्मचारी हैं.
एक अधिकारी ने बताया कि सरकार अपने कर्मचारियों को इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहन उपलब्ध कराने के लिए एनर्जी एफिशिएंसी सर्विसेज लिमिटेड की सहायक कंपनी कन्वर्जेंस एनर्जी सर्विसेज लिमिटेड (सीईएसएल) के साथ पार्टनरशिप करने को लेकर विचार कर रही है. दिल्ली में नए वाहनों के रजिस्ट्रेशन में दो-तिहाई की हिस्सेदारी टू-व्लीलर की है. सरकार का मानना है कि इस सेगमेंट को इलेक्ट्रिक मोड में बदलने से महत्वपूर्ण बदलाव लाने में मदद मिल सकती है.
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कर्मचारियों के पास होगा ये ऑप्शन
सरकारी कर्मचारियों को अपने विभाग के माध्यम से इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहन खरीदने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा. उनके पास अग्रिम भुगतान करने या ईएमआई का विकल्प चुनने का ऑप्शन होगा, जिसे उनके वेतन से काट लिया जाएगा. एक अन्य अधिकारी ने कहा, “यह योजना आम जनता को लागत और प्रौद्योगिकी से संबंधित मनोवैज्ञानिक बाधाओं को दूर करते हुए ऐसे वाहनों को अपनाने के लिए प्रोत्साहित करेगी.”
ई-साइकिलों को ईवी पॉलिसी में किया शामिल
दिल्ली सरकार वायु प्रदूषण को कम करने के लिए इलेक्ट्रिक वाहनों की ओर शिफ्ट करने के लिए प्रयास कर रही है. पिछले हफ्ते सरकार ई-साइकिलों को ईवी नीति में शामिल करने के साथ आगे बढ़ाने की एक बड़ी योजना की घोषणा की. पहले 10,000 इलेक्ट्रिक साइकिल खरीदारों को ₹5,500 तक का खरीद प्रोत्साहन मिलेगा, जबकि पहले 1,000 को ₹2,000 का अतिरिक्त प्रोत्साहन मिलेगा.
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फरवरी में एग्रीगेटर्स के लिए लागू की थी पॉलिसी
फरवरी में सरकार सभी एग्रीगेटर्स और डिलीवरी सेवा प्रदाताओं को अपने नए बेड़े में इलेक्ट्रिक वाहनों को शामिल करने के लिए अनिवार्य रूप से एक मसौदा नीति लेकर आई थी. इसके तहत कैब एग्रीगेटर्स और डिलीवरी सर्विस प्रोवाइडर्स को यह सुनिश्चित करना होगा कि उनके नए दोपहिया वाहनों में से 10 फीसदी और नए चार पहिया वाहनों में से पांच फीसदी पहले तीन महीनों में इलेक्ट्रिक हों. उन्हें यह भी सुनिश्चित करना होगा कि उनके नए दोपहिया वाहनों में से 50 प्रतिशत और नए चार पहिया वाहनों में से 25 प्रतिशत मार्च 2023 तक इलेक्ट्रिक हों.
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