गठिया यानी शरीर के जोड़ों में दर्द होने की समस्या को ही ऑर्थराइटिस कहा जाता है. हालांकि आपके जोड़ों में होने वाला हर तरह का दर्द ऑर्थराइटिस नहीं होता है. इसलिए आपको सामान्य दर्द, चोट के कारण होने वाले दर्द और गठिया की वजह से हो रहे दर्द के बीच का अंतर पता होना चाहिए. जोड़ा का दर्द किसी चोट की वजह से या शरीर में पोषण की कमी के कारण भी आपको घेर सकता है. यहां हम ऑर्थराइटिस के बारे में बात कर रहे हैं. इस बीमारी के दो प्रकार होते हैं और इनके लक्षणों के आधार पर ही इलाज किया जाता है…
ऑर्थराइटिस के प्रकार
- ऑर्थराइटिस मुख्य रूप से दो प्रकार की होती है, ओस्टियोऑर्थराइटिस और रूमेटाइडऑर्थराइटिस.
- ओस्टियोऑर्थराइटिस में जॉइंट्स के टिश्यू काफी सख्त हो जाते हैं और हड्डियों के अंतिम सिरे को कवर करने वाले टिश्यू निष्क्रिय होने लगते हैं. इस कारण उठते और बैठते समय जोड़ों में दर्द होता है.
- ऑर्थराइटिस का दूसरा प्रकार है, रूमेटाइडऑर्थराइटिस. ये हड्डियों की ऐसी बीमारी है, जिसमें शरीर का इम्यून सिस्टम खुद जोड़ों पर अटैक करने लगता है. इस बीमारी की शुरुआत ही जॉइंट्स की दोनों हड्डियों के सिरे से होती है.
ये है तीसरा प्रकार
मुख्य रूप से ऑर्थराइटिस दो प्रकार की होती है हालांकि इसका एक तीसरा प्रकार भी होता है, जो शरीर में लंबे समय तक यूरिक एसिड बढ़ा रहने के कारण होती है. यदि लंबे समय तक यूरिक एसिड बढ़ा रहे तो कई घातक बीमारियां और इंफेक्शन हो सकते हैं. इन्हीं में शामिल हैं सोरायसिस और ल्यूपस, जो हड्डियों में एक अलग तरह की ऑर्थराइटिस की वजह बन सकते हैं. इसलिए यूरिक एसिड नियंत्रित रखना बेहद जरूरी है.
ऑर्थराइटिस के लक्षण
- मूवमेंट के दौरान शरीर के एक जोड़ या कई जोड़ों में समस्या होना.
- शरीर के जोड़ों में दर्द, जिसका ज्यादा अनुभव घुटने, कोहनी और कूल्हे में होता है.
- जॉइंट्स में सूजन आना
- जॉइंट एरिया में रेडनेस रहना
- चलने या काम करने की गति धीमी हो जाना
ऑर्थराइटिस का उपचार
ऑर्थराइटिस यानी गठिका का उपचार इस बार पर निर्भर करता है कि आपको हुई इस बीमारी का कारण क्या है. बीमारी के कारण को दूर करने के लिए दवाओं के साथ ही एक्सर्साइज, सही पोश्चर और सही डायट का पालन किया जाता है. किसी अच्छे डॉक्टर से अपना इलाज कराएं और एक बार ऑर्थराइटिस का पता चलने के बाद इलाज में लापरवाही ना बरतें.
Disclaimer: इस आर्टिकल में बताई विधि, तरीक़ों व दावों की एबीपी न्यूज़ पुष्टि नहीं करता है. इनको केवल सुझाव के रूप में लें. इस तरह के किसी भी उपचार/दवा/डाइट पर अमल करने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें.
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