वास्तु शास्त्र में कई तरह की बातों पर जोर दिया गया है. पूजा पाठ करते समय कुछ बातों का ध्यान रखा जाए, तो पूजा का पूर्ण फल प्राप्त होता है. साथ ही, भगवान की कृपा भी बनी रहती है. ऐसी ही अकसर लोगों को इस बात को लेकर कंफ्यूजन में देखा है कि देवी-देवताओं के समक्ष किस तरह का दीया जलाया जाना चाहिए. घी का दीपक या तेल का दीपक दोनों ही तरह के दीपक जलाए जाते हैं. लेकिन इन्हें लेकर भी कुछ नियम बताए गए हैं. इन नियमों का पालन करना जरूरी है. आइए जानते हैं इन नियमों के बारे में.
देवी-देवताओं के समक्ष जलाए जाना वाला दीपक घी या तेल का जो भी हो उसके नियमों का पालन जरूरी है. मान्यता है कि घी का दीपक देवता के दाहिने हाथ यानि की अपने बायें हाथ की तरफ जलाना चाहिए. और तिल के तेल का दीपक देवता के बायें हाथ यानि की अपनी दाईं तरफ जलाएं.
ऐसी मान्यता है कि घी के दीपक में सफेद रंग की खड़ी बत्ती ही लगाएं. जबकि तेल के दीपक में लाल रंग की पड़ी हुई बत्ती लगाई जाती है. आप अपनी आवश्यकतानुसार एक या दोनों दीपक जला सकते है. ऐसा करने से घर का अग्नि तत्व मजबूत होता है.
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