Tuesday, April 5, 2022
Homeगैजेटदुनिया के सबसे बड़े टेलीस्‍कोप के लिए अंतरिक्ष में अगले कुछ दिन...

दुनिया के सबसे बड़े टेलीस्‍कोप के लिए अंतरिक्ष में अगले कुछ दिन बेहद अहम


नासा का जेम्‍स वेब टेलीस्‍कोप (James Webb Telescope) अंतरिक्ष में कुछ अहम चरणों से गुजर रहा है। यह इसकी सफलता तय करेंगे। इस ताकतवर स्‍पेस ऑब्‍जर्वेटरी को क्रिसमस के दिन ऑर्बिट में लॉन्च किया गया था। यह ऑब्‍जर्वेटरी अपनी पांच लेयर वाली सन शील्‍ड को खोलने की ओर बढ़ रही है। टेलीस्‍कोप के उपकरण ठीक से काम कर सकें, शील्‍ड इसमें मदद करेगी और उसे ठंडा रखेगी। तनाव से भरे इन पलों में ट्विटर के जरिए नासा नियमित अपडेट दे रही है और दुनिया भर के लाखों लोग उसे फॉलो कर रहे हैं।

एक ट्वीट में नासा ने बताया है कि जेम्स वेब टीम ने अगले कुछ दिनों में सन शील्‍ड को अनफोल्‍ड करने के लिए डिप्लॉयबल टावर असेंबली (डीटीए) को सफलतापूर्वक फैला दिया है। पृथ्‍वी से इस स्‍पेस टेलीस्‍कोप को लॉन्‍च करना इस मिशन की एक शुरुआत थी। अगले 6 महीनों में जेम्‍स बेव टेलीस्‍कोप को कई प्रोसेस पूरे करने हैं। उसके बाद यह पूरी तरह से काम शुरू कर देगा। यह प्रोसेस इसलिए लंबा है, क्योंकि जेम्स वेब टेलीस्कोप एक बड़ी ऑब्‍जर्वेटरी है। इसे एरियन लॉन्चर की नोज के कोन में एक छोटी सी जगह पर पैक किया गया है। इसका मतलब यह है कि इस टेलीस्‍कोप को ऑर्बिट में छोड़ने के बाद ही अनफोल्‍ड किया जा सकता है।

बात करें डिप्लॉयबल टावर असेंबली (डीटीए) की, तो यह आब्‍जर्वेटरी के ऊपरी भाग और स्‍पेसक्राफ्ट के बीच जगह बनाती है, ताकि ऑब्‍जर्वेटरी के उपकरणों को ठंडा रखा जा सके। इसी गैप में सन शील्ड मेम्ब्रेन को भी जगह मिलेगी। 

नासा के मुताबिक, जेम्स वेब स्पेस टेलीस्कोप सन शील्ड की वजह से ‘हॉट साइड’ और ‘कोल्ड साइड’ में बंटा है। हीट और लाइट को ब्लॉक करने के लिए सन शील्ड को हमेशा सूर्य का सामना करना पड़ेगा, क्योंकि वेब मिरर्स को बेहद ठंडा रखने की जरूरत होती है। 

टेलीस्‍कोप के गर्म हिस्से में तापमान 85 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच जाएगा और ठंडी तरफ यह लगभग -233 डिग्री सेल्सियस होगा। नासा ने एक लाइव ट्रैकर भी लगाया है, जो तापमान की जानकारी देगा। नासा ने कहा है कि जेम्स वेब टीम ने कुछ चीजें सफलतापूर्वक पूरी कर ली हैं। यह इस ऑब्‍जर्वेटरी की लाइफ को बढ़ाएंगी। यह टेलीस्कोप नासा, यूरोपियन स्‍पेस एजेंसी और कनाडाई स्‍पेस एजेंसी का एक जॉइंट प्रोजेक्‍ट है और आगे चलकर हबल टेलीस्‍कोप की जगह लेगा।  

10 अरब डॉलर (लगभग 75,330 करोड़ रुपये) का जेम्स वेब स्पेस टेलीस्कोप अब तक का बनाया गया सबसे बड़ा टेलीस्‍कोप है। इसका मकसद खगोलविदों को सफल खोजों में मदद करना है। 
 



Source link

  • Tags
  • james webb space telescope
  • james webb space telescope mid-course correction burn
  • james webb space telescope news
  • NASA
  • sun shield deployment
  • जेम्‍स वेब स्‍पेस टेलीस्‍कोप
  • नासा
  • सन शील्‍ड
  • साइंस न्‍यूज
RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

- Advertisment -

Most Popular