Deepika Mother’s : दीपिका पादुकोण को सबसे ज्यादा डिसिप्लिन में रहने वाली अदाकाराओं में से एक माना जाता है. सेट पर टाइम से पहुंचने से लेकर अपने कमिटमेंट्स को निभाने और काम के साथ घर की जिम्मेदारियों को भी दीपिका बखूबी पूरा करती हैं. ऐक्ट्रेस की पर्सनैलिटी की यही खासियतें उन्हें दूसरी लड़कियों के लिए प्रेरणा का स्रोत बनाती है. हालांकि, दीपिका आज जो भी हैं उसके पीछे अपनी मां की मजबूत परिवरिश मानती हैं. बचपन में ही दीपिका को उनकी मां उज्जवला पादुकोण ने ऐसी बातें सिखाईं जिन्होंने ऐक्ट्रेस को करियर और पर्सनल लाइफ से जुड़े उतार-चढ़ाव का सामना करने और सफल व्यक्ति बनने में मदद की. चलिए जानते हैं इन बातों के बारे में जो आपको भी अपनी बेटियों को सिखाना चाहिए.
जैसे हैं वैसे बने रहना
एक इंटरव्यू में उज्जवला पादुकोण ने बताया था कि दीपिका बचपन में टॉम बॉय थीं और काफी मस्ती करती थीं, लेकिन जब छोटी बहन का जन्म हुआ तो वह केयरिंग नेचर की बन गईं . लेकिन उज्जवला ने उन पर किसी अन्य की तरह बनने का प्रेशर नहीं डाला. हर मां को भी इस बात को स्वीकार करना चाहिए कि उनका बच्चा दूसरों से अलग है और समय के साथ उसमें भी बदलाव आएंगे.
हमेशा अपनी दिल को सुनो
दीपिका बचपन से ही स्पोर्ट्स में काफी अच्छी थीं. वह बैडमिंटन ज्यादा अच्छा खेलती थी. इसी के साथ लंबी हाइट की दीपिका छोटी ऐज से मॉडलिंग भी करती रही. बाद में उनका पूरा फोकस मॉडलिंग पर बना. उन्होंने इसमें करियर बनाने की जब सोची तो उज्जवला ने उन्हें रोका नहीं. उन्होंने दीपिका को अपने सपने पूरे करने के लिए मुंबई जाने दिया, जिसने बाद में इस मॉडल को सुपरस्टार बनने का मौका दिया.
पैसों का मोल समझना
एक ओर उज्जवला ने दीपिका को आर्थिक रूप से मजबूत होने की सीख दी तो दूसरी ओर पैसों की वेल्यू करना भी सिखाया. उन्होंने बचपन से ही अपनी बेटी को किसी चीज को खरीदने से पहले यह सोचना सिखाया कि क्या वह काम की है और कितनी काम की है? क्या उसकी जितनी कीमत है वह चीज उस लायक है? इस सीख ने दीपिका को अपनी मेहनत की कमाई को समझदारी से इस्तेमाल करना और बचाना सिखाया.
आत्म निर्भर बनना
उज्जवला पादुकोण मानती हैं कि एक लड़की को आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर होना चाहिए. शादी के बाद भी भले ही पति कमाता हो या न कमाता हो, लेकिन लड़की को खुद के पैरों पर खड़े रहना चाहिए. यही चीज थी जिसने दीपिका को छोटी उम्र में ही इंडिपेंडेंट होना सिखा दिया और 17 साल की उम्र में वह अकेले मुंबई में करियर बनाने निकल पड़ीं. बेटियों को हर तरह से आत्म निर्भर बनाना एक मां की पहली सीख होना चाहिए.
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