ब्रेन
टीबी
के
लक्षण
ब्रेन
टीबी
के
शुरुआती
लक्षण
काफी
सामान्य
होते
हैं।
गंभीर
लक्षण
धीरे-धीरे
सामने
आते
हैं।
शुरुआत
सप्ताह
में
हल्के-फुल्के
लक्षण
दिखेंगे।
जैसे
–
–
थकान
महसूस
होना।
–
हमेशा
बीमार
रहना।
–
मिचली-उल्टी।
–
हल्के-फुल्के
बुखार।
–
बार-बार
सिर
दर्द
होना।
–
बार-बार
बेहोश
होना।
–
सुस्त
रहना।
मेनिन्जाइटिस
यानी
ब्रेन
टीबी
की
वजह
से
मरीजों
में
गर्दन
में
अकड़न,
हल्की
संवेदनशीलता
और
सिरदर्द
जैसे
लक्षण
हमेशा
नजर
नहीं
आते
हैं।
लेकिन
बीच-बीच
में
यह
समस्या
बनी
रहती
है।
इन
लोगों
को
है
ज्यादा
खतरा
जो
लोग
ज्यादा
मात्रा
में
एल्कोहल
का
सेवन
करते
हैं,
एचआईवी
एड्स
के
मरीज,
कमजोर
रोग
प्रतिरोधक
क्षमता
वाले
लोग
और
डायबिटीज
के
मरीजों
को
मेलिटस
ब्रेन
टीबी
होने
की
संभावना
अधिक
होती
हैं।
खतरे
संभावित
इलाज
नहीं
मिल
पाने
के
कारण
दिमागी
टीबी
के
वजह
से
ये
खतरे
हो
सकते
हैं।
- मस्तिष्क
क्षति - खोपड़ी
और
मस्तिष्क
के
बीच
द्रव
का
निर्माण
(सबड्यूरल
इफ्यूजन) - बहरापन
- हाइड्रोसिफ़लस
(खोपड़ी
के
अंदर
द्रव
का
निर्माण
जो
मस्तिष्क
में
सूजन
की
ओर
जाता
है) - मिर्गी
के
दौरे - मौत
सही
डाइट
से
होगा
इलाज
सही
डाइट
से
ब्रेन
टीबी
को
बढ़ने
से
रोकने
में
मदद
मिलती
है।
इसके
लिए
रोगी
को
अपने
डाइट
में
ताजे
फल,
सब्जियां
और
काफी
मात्रा
में
प्रोटीन
आदि
पोषक
तत्वों
को
जरूर
शामिल
करें।
इनसे
इम्यून
सिस्टम
मजबूत
होता
है
और
बीमारी
से
लड़ने
में
मदद
मिलती
है।
ज्यादा
मीठा
का
सेवन
न
करें,
स्ट्रॉन्ग
चाय
या
काफी
के
सेवन
से
भी
परहेज
करें।
इसके
अलावा
शुगर
और
डिब्बाबंद
फूड्स
से
परहेज
करने
की
कोशिश
करें।
ऐसे
कराएं
जांच
जैसे
ही
मरीज
को
ब्रेन
टीबी
के
लक्षण
दिखाई
देते
हैं,
उसे
तुरंत
डॉक्टर
को
दिखाना
चाहिए।
ब्रेन
टीबी
में
लापरवाही
मरीज
के
लिए
घातक
हो
सकती
है।
इसका
पता
एक्सरे,
एमआरआई,
सिटी
स्कैन,
सीबी
नेट
और
सीएसए
जांच
से
लगाया
जा
सकता
है।
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