Omicron Treatment At Home: ओमिक्रोन (Omicron)अभी भी चिंता का विषय बना हुआ है. क्योंकि इसके लक्षण उन सभी लक्षणों से एकदम मेल खाते हैं, जो बदलते मौसम के कारण होती हैं. जैसे, गला खराब होना, सर्दी-जुकाम होना, खांसी होना, शरीर टूटना, बुखार, सर्दी लगना इत्यादि. ऐसे में ओमिक्रोन और बदलते मौसम के असर के बीच अंतर कर पाना खासा मुश्किल होने वाला है. इसलिए हम आपके लिए कुछ ऐसे घरेलू और असरदार उपाय लेकर आए हैं, जिनके जरिए आप अपने शरीर को स्वस्थ रख सकते हैं और ओमिक्रोन या इसके जैसे दिखने वाले लक्षणों के के कारण होने वाली समस्याओं का घर पर ही आसानी से इलाज कर सकते हैं.
दांतों का चीसना
जिन लोगों को कोरोना हो चुका है, उन्हें अनुभव होगा कि इस बुखार में दांत कितनी बुरी तरह चीसते हैं. कोरोना की तरह ही ओमिक्रोन में भी दांत बहुत चीसते हैं और मन होता है कि कुछ रबर या प्लास्टिक से बनी चीज चबाते रहें. इस दौरान आप हरी इलायची चबाते रहें. इससे दांतों के चीसने और गले में हो रही जलन दोनों से बचने में मदद मिलेगी. साथ ही इस स्थिति से बचने में आपको पेन किलर्स ही मदद करेंगी. हालांकि बेहतर रहेगा कि आप अपनी मर्जी से कोई पेन किलर लेने की जगह डॉक्टर द्वारा सुझाई गई दवाओं का उपयोग करें.
नाक का सूखना
ओमिक्रोन होने पर आपको शुरुआत में तेज जुकाम हो सकता है, जिसके बाद नाक में बहुत अधिक सूखेपन की समस्या आपको असहज बना सकती है. इससे बचने के लिए आप जुकाम के दौरान नेजर स्प्रे का उपयोग करें. इससे सांस लेने में मदद आसानी होगी और नाक अटी हुई भी महसूस नहीं होगी. दिन में दो से तीन बार आप नेजर स्प्रे का उपयोग कर सकते हैं. इसके साथ ही नाक में सरसों का तेल दिन में दो बार जरूर लगाएं. इससे त्वचा को मॉइश्चर भी मिलेगा और जर्म्स भी खत्म हो जाएंगे.
गले में तेज जलन
ओमिक्रोन के दौरान गले में होने वाली तेज जलन आपको बहुत अधिक बेचैन कर सकती है. इस स्थिति में हरी इलायची, पुदीना पत्ती या सौंफ चबाना आपको कुछ राहत देगा. गर्म दूध में मिलाकर आयुर्वेदिक कफ सीरफ पीना भी आपके गले की जलन को शांत करने में लाभकारी होगा. गले के दर्द और खराश से राहत देने वाली कॉफसिल्स चूसना भी गले की जलन में राहत देता है. इसके साथ ही बुखार कम करने और शरीर के दर्द से राहत पाने के लिए आप जीरोडोल-पी नामक दवा का सेवन कर सकते हैं.
शरीर में भारीपन
आपको कमजोरी और शरीर में भारीपन का अनुभव भी होगा. इससे बचने के लिए आप दिन में दो बार हल्दी के दूध का सेवन कर सकते हैं. सुबह नाश्ता करने के दो घंटे बाद एक गिलास दूध में एक चौथाई चम्मच (1/4) हल्दी मिलाकर इसका सेवन करें. इसी तरह रात को खाना खाने के दो घंटे बाद इतनी ही हल्दी के साथ दूध का सेवन करें. यदि आप दूध में आयुर्वेदिक कफ सिरप ले रहे हैं तो इतनी हल्दी को पहले पानी के साथ खा लें फिर दूध पी सकते हैं. इससे कमजोरी भी दूर होगी, रोग प्रतिरोधक क्षमता भी बढ़ेगी और शरीर के दर्द तथा थकान से भी राहत मिलेगी.
Disclaimer: इस आर्टिकल में बताई विधि, तरीक़ों व दावों की एबीपी न्यूज़ पुष्टि नहीं करता है. इनको केवल सुझाव के रूप में लें. इस तरह के किसी भी उपचार/दवा/डाइट पर अमल करने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें.
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