हम जब भी वजन कम करने या बढ़ाने की बात करते हैं तो एक्सपर्ट से सुनते हैं कि 2-3 घंटे में कुछ न कुछ खाते रहना चाहिए, लेकिन क्या वजन कम करने या बढ़ाने के लिए ये सही है. हमारे शरीर में वजन घटने या बढ़ने के साथ ही हार्मोन्स के स्तर को नियंत्रित रखने के लिए हमारा मेटाबॉलिज्म जिम्मेदार होता है. जहां एक तेज मेटाबॉलिज्म आपको कई स्वास्थ्य लाभ प्रदान कर सकता है, वहीं धीमा मेटाबॉलिज्म आपकी सेहत के लिए नुकसानदायक साबित हो सकता है, इसलिए अपने संपूर्ण स्वास्थ्य की भलाई के लिए अपने मेटाबॉलिज्म को तेज करना जरूरी है.
जब आप थोड़ी-थोड़ी देर में कुछ खाते रहते हैं तो आप अपनी खाने की क्रेविंग्स और जंक फूड खाने की भावना को कंट्रोल करता है और इससे जब हम थोड़े- थोड़े समय बाद कम मात्रा में कुछ खा लेते हैं तो इससे हमारा पेट भरा हुआ रहता है. ऐसे में हम यहां आपको बताएंगे कि बार-बार खाने से क्या मेटाबॉलिज्म पर असर पड़ता है.
2-3 घंटे बाद खाने से क्या तेज होता है मेटाबॉलिज्स- अगर आपका फिटनेस ट्रेनर आपको हर दो घंटे में खाने के लिए कह रहा है तो यह वास्तव में सही नहीं है. जब हम भोजन करते हैं, तो हमारा शरीर भोजन को पचाने और भोजन के पोषक तत्वों को संसाधित करने के लिए ऊर्जा का विस्तार करता है. इसे भोजन का ऊष्मीय प्रभाव या थर्मिक इफेक्ट ऑफ फूड के रूप में जाना जाता है.
उनके अनुसार आप एक बार में जितना खाते हैं आपका थर्मिक इफेक्ट ऑफ फूड उसकी कुल कैलोरी का लगभग 10% होता है. इसलिए डाइटिशियन की यह मानसिकता होती है कि यदि आप अधिक भोजन करते हैं तो आप अधिक कैलोरी बर्न करेंगे. जिससे लोगों को ऐसा लगता है कि कुछ- कुछ खाते रहने से वजन कम होता है.
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