Ayurveda Tips: उपवास रखने का समय आम तौर पर धर्म से जुड़ा होता है. बहुत सारे लोग नवरात्रि की शुरुआत से त्योहारी मौसम के दौरान उपवास करते हैं. उपवास के पीछे धार्मिक मान्यताएं होती हैं. धार्मिक मान्यतों से हटकर क्या उसके पीछे वैज्ञानिक कारण भी हैं? भले आप धार्मिक विश्वास के तौर पर व्रत रखते हैं, लेकिन इस अभ्यास के बेतहाशा फायदे हैं. आयुर्वेद एक सप्ताह में कम से कम एक बार उपवास की सिफारिश करता है.
आयुर्वेद तरीके से प्रभावी उपवास
इसका कारण आपके पेट और पाचन सिस्टम को थोड़ी राहत देना है. एक दिन के लिए हल्का भोजन खाना थकान से रिकवर होने में पाचन तंत्र की मदद करता है. जब कोई शख्स अभ्यास का पालन करता है, तो शरीर, दिमाग की बेहतरी के लिए उचित फूड्स का फैसला करने में सक्षम हो पाता है. आयुर्वेद में उपवास दो तरफा प्रक्रिया है, एक तरफ खराब खाद्य पदार्थों से परहेज का चुनाव तो दूसरी तरफ मुफीद और पोषण, स्वास्थ्य, शरीर और दिमाग की खुशी में योगदान देनेवाले खाद्य पदार्थों को अपनाना. संपूर्ण फायदे हासिल करने के लिए उपवास के सबसे प्रभावी तरीके पर आयुर्वेद में कुछ तरकीब बताई गई है.
नवरात्रि में फूड्स की सिफारिश
आयुर्वेद विशेषज्ञ विकास चावला के मुताबिक नौ दिनों तक चलनेवाले नवरात्रि के पवित्र उपवास में कुछ तरल पदार्थ और जड़ी बूटी की आयुर्वेद तरीके में सिफारिश की जाती है.
जीरा, धनिया, और सौंफ से बनी चाय हर शख्स के लिए फायदेमंद है क्योंकि ये चाय शरीर से टॉक्सिन्स की सफाई में मदद करती है.
व्रत के दौरान ज्यादातर लोगों के लिए त्रिफला दूसरा शक्तिशाली हर्बल मिश्रण है जो फायदेमंद पाया गया है क्योंकि ये पाचन सिस्टम का समर्थन करता है.
आयुर्वेदिक तरीके से उपवास बेहतर और हल्का महसूस करने के बारे में है. नट्स जैसे मूंगफली, मखाना, बादाम, काजू, अखरोट की सिफारिश एनर्जी बूस्टर के तौर पर व्रत के समय की जाती है.
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Disclaimer: इस लेख में बताई विधि, तरीकों व दावों की एबीपी न्यूज पुष्टि नहीं करता है. इसको केवल सुझाव के रूप में अपना सकते हैं. इस तरह के किसी भी उपचार/दवा/डाइट पर अमल करने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें.
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